पुलिस ने बताया कि बरकत नगर किसान मार्ग निवासी उपमहाप्रबंधक विवेक जैन ने सोमवार रिपोर्ट दी, जिसमें बताया कि 28 मार्च को परिवादी के मोबाइल पर एक वाट्सएप कॉल आया। जिसमें प्रमुख शासन सचिव कुलदीप रांका की फोटो लगी थी। नाम भी कुलदीप रांका का आ रहा था।
पीडि़त ने फोन रिसीव किया तो कॉल करने वाले कहा मैं कुलदीप बोल रहा हूं। आवश्यक कार्य से जयपुर से बाहर आया हूं। मेरा मोबाइल काम नहीं कर रहा है। इसलिए दूसरे मोबाइल से फोन किया है। थोड़ी रकम की जरूरत है। मैं जयपुर आऊंगा तब राशि वापस लौटा दूंगा। कुछ देर बाद ही उस नंबर से मैसेज भी आया। परिवादी ने रिपोर्ट में बताया कि उनको पता था कि यह नंबर कुलदीप रांका के नहीं है। फोन पर बात करने वाले व्यक्ति की आवाज भी कुलदीप रांका की नहीं थी।
अमेजन गिफ्ट कार्ड से परिचित होने की दी जानकारी उपमहाप्रबंध जैन ने मैसेज का जवाब दिया तो जालसाज ने अमेजन गिफ्ट कार्ड से परिचित होने की जानकारी मांगी। तब परिवादी को शक हो गया कि मदद मांगने वाला साइबर जालसाज है। जालसाज ठगी के लिए कुलदीप रांका का छदम नाम उपयोग कर रहा है।
पड़ताल में सामने आया कईयों से किया संपर्क परिवादी ने जालसाज की करतूत के संबंध में जानकारी जुटाई तो पता चला कि उसने कई अधिकारियों और कुलदीप रांका के कई परिचितों को वाट्सऐप कॉल और संदेश भेजे हैं। कुलदीप रांका बनकर जालसाज स्वयं को महत्वपूर्ण मीटिंग में शामिल होने एवं स्वयं की दिक्कत का हवाला देते हुए कई व्यक्तियों से अमेजन पे, कई से अमेजन गिफ्ट कार्ड और कई व्यक्तियों को गूगल पे या पेटीएम की जानकारी शेयर करने का मैसेज भिजवाया है।