अब जटिलताओं से नहीं गुजरना पड़ेगा
डिप्टी सीएम प्रेम चंद बैरवा ने आगे कहा इससे उनका वित्तीय बोझ कम होगा और उन्हें जटिलताओं से नहीं गुजरना पड़ेगा। पहले, काश्तकारी अधिनियम 1955 की धारा 42 बी के प्रावधानों के कारण, अनुसूचित जाति और जनजाति के किसान अपनी कृषि भूमि को अक्षय ऊर्जा परियोजना विकासकर्ताओं को पट्टे पर नहीं दे पा रहे थे। इसके कारण, राजस्थान भूमि राजस्व नियम 2007 में संशोधन को कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दी गई है। कैबिनेट बैठक में लिया गया बड़ा निर्णय
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में शनिवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में आयोजित कैबिनेट की बैठक में लैंड कन्वर्जन रूल्स-2007 में संशोधन को मंजूरी दी है। इस बारे में जोगाराम पटेल ने बताया कि वर्तमान में एससी-एसटी वर्ग के व्यक्तियों को राजस्थान भू-राजस्व (ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि भूमि का अकृषि प्रयोजनार्थ संपरिवर्तन) नियम-2007 के नियम 6 (बी) का लाभ नहीं मिल पाता है। काश्तकारी अधिनियम 1955 की धारा 42 बी के प्रावधानों के कारण अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के किसान अपनी कृषि भूमि को अक्षय ऊर्जा परियोजना विकासकर्ता को लीज पर नहीं दे सकते हैं। इसे देखते हुए मंत्रिमंडल ने राजस्थान भू-राजस्व (ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि भूमि का अकृषि प्रयोजनार्थ संपरिवर्तन) नियम, 2007 में संशोधन को मंजूरी दी है।
स्वघोषणा ही पर्याप्त होगी
जोगाराम पटेल ने आगे बताया कि इस संशोधन के बाद एससी-एसटी वर्ग के काश्तकारों की कृषि भूमि का सोलर फार्म, सोलर प्लान्ट, सोलर पावर प्लान्ट, विंड फार्म, विंड पावर प्लान्ट के लिए कन्वर्जन करवाए जाने पर जोत तक रिकॉर्डेड पहुंच मार्ग होने की अनिवार्यता की बजाय ऐसे काश्तकार की पहुंच मार्ग होने बाबत स्वघोषणा ही पर्याप्त होगी। इसी तरह, देय कन्वर्जन शुल्क में छूट का प्रावधान भी किया जाएगा।