Rajasthan Cabinet Expansion 2023 : भाजपा का बड़ा दांव, चुनाव से पहले प्रत्याशी को बनाया मंत्री, समर्थकों ने मनाया जश्न
25 मंत्रियों के शपथ लेने के बाद मंत्रियों की 5 सीटें खाली रह गई हैं, जिन्हें बाद में भरा जाएगा। उल्लेखनीय है कि 15 दिसंबर को भजनलाल शर्मा के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के दो हफ्तों के बाद मंत्रियों को शपथ दिलाई गई है। जिन 22 विधायकों ने आज शपथ ली है, इनमें 17 पहली बार मंत्री बने हैं।
ये 17 विधायक बनें पहली बार मंत्री
1 . कर्नल (रिटायर्ड) राज्यवर्धन सिंह राठौड़ : जयपुर की झोटवाड़ा सीट से विधायक चुने गए कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को कैबिनेट मंत्री के रूप में मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। राठौड़ पीएम नरेंद्र मोदी के कैबिनेट में मंत्री रह चुके हैं, लेकिन यह पहली बार है जब वह राजस्थान सरकार में मंत्री बने हैं। विधायक बनने से पहले वह जयपुर ग्रामीण से सांसद थे।
2. जोगाराम पटेल : जोधपुर की लूणी सीट से विधायक पटेल भी पहली बार राजस्थान सरकार में मंत्री बने हैं। हालांकि, वसुंधरा राजे सरकार के समय वह संसदीय सचिव थे, लेकिन मंत्री पहली बार बने हैं। पेशे से वकील हैं।
3. सुरेश सिंह रावत : अजमेर जिले की पुष्कर सीट से चुनकर विधानसभा पहुंचे सुरेश सिंह रावत भी पहली बार मंत्री बने हैं। वह भी इससे पहले, वसुंधरा राजे सरकार में संसदीय सचिव रह चुके हैं। उन्होंने महर्षि दयानंद सरस्वती यूनिवर्सिटी से बी.ए (ऑनर्स) में डिग्री हासिल की है। वह टीवी सीरियल में भी काम कर चुके हैं।
4. अविनाश गहलोत : मंत्रिमंडल विस्तार में एक नाम खास रहा। पाली के जैतारण से जीतकर आए अविनाश गहलोत को भी भजनलाल शर्मा कैबिनेट में शामिल किया गया है। वह माली समाज से आते हैं। दूसरी बार विधायक बने गहलोत को पहली बार मंत्री बनाए गए हैं। उन्हें कैबिनेट मंत्री के रूप में शामिल किया गया है।
5. बाबूलाल खराड़ी : उदयपुर की झाड़ोल सीट से जीतकर आए बाबूलाल खराड़ी को कैबिनेट मंत्री बनाकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सबको चौंका दिया है। उनकी गिनती ग्रासरूट नेता के रूप में होती है। वह आज भी कच्चे मकान में रहते हैं।
6. जोराराम कुमावत : पाली के सुमेरपुर सीट से दूसरी बार विधायक चुनकर आए जोराराम कुमावत को मंत्री बनाकर भाजपा ने अपने परंपरागत वोट बैंक कुमावत समाज को संदेश दिया है।
7. सुमित गोदारा : बीकानेर की लुणकरण सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार राजेंद्र मूंद को हराकर विधानसभा पहुंचे सुमित गोदारा को भी मंत्री बनाकर सत्ताधारी भाजपा ने सबको चौंका दिया है।
8. कन्हैयालाल चौधरी : टोंक जिले की मालपुरा सीट से लगातार तीसरी बार जीतनकर आए कन्हैयालाल चौधरी भी पहली बार मंत्री बने हैं। इस क्षेत्र से लगातार हैट्रिक लगाने वाले चौधरी को पार्टी ने सरकार में शामिल कर उन्हें उनके इस प्रदर्शन के लिए फल दिया है। वह पोस्टग्रेजुएट हैं।
9. हेमंत मीणा : जातीय समीकरण साधने के साथ-साथ भाजपा ने दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री रहे नंदलाल मीणा के बेटे हेमंत मीणा को सरकार में शामिल कर युवाओं को भी संदेश देने क की कोशिश है कि पार्टी युवाओं के साथ भी है।
10. संजय शर्मा : आरएसएस के करीबी और अलवर शहर से दूसरी बान चुनकर आए संजय शर्मा को राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में शामिल किया गया है।
11. गौतम कुमार दक : वैश्य समाज से ताल्लुक रखने वाले गौतम कुमार दक को भी पहली बार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में शामिल किया गया है। उन्हें भी आरएसएस का क रीबी माना जाता है।
12. झाबर सिंह खर्रा : भैरों सिंह शेखावत सरकार में मंत्री रहे हरलाल सिंह खर्रा के बेटे झाबर सिंह खुर्रा को भजनलाल शर्मा कैबिनेट में शामिल कर पार्टी शेखावाटी क्षेत्र में जाट मतदाताओं को संदेश देना चाहती है। झाबर पहली बार मंत्री बने हैं।
13. के के विश्नोई : वसुंधरा राजे के सलाहकार रहे लादूराम विश्नोई के बेटे के के विश्नोई को राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में शामिल कर भाजपा विश्नोई समाज को भी संदेश देने की कोशिश की है। वह पहली बार विधायक चुनकर आए हैं।
14. हीरालाल नागर : संगोद विधानसभा सीट से विधायक चुने गए हीरालाल नागर भी पहली बार मंत्री बने हैं। वह धाकड़ समाज से आते हैं जिन्हें भाजपा का परंपरागत वोट बैंक माना जाता है।
15. ओटाराम देवासी : सिरोही क्षेत्र से आने वाले ओटाराम देवासी भी फस्र्ट टाइम मंत्री बनाए गए हैं। उनकी पहचान धर्म गुरु के रूप में होती है।
16. डॉ. मंजू बाघार : नागौर जिले की जायल से दूसरी बार विधायक बनकर आई मंजू भी फस्र्ट टाइमर मंत्री हैं। उन्हें राज्य मंत्री के रूप में कैबिनेट में शामिल किया गया है। वह वर्तमान सरकार में एकमात्र महिला मंत्री हैं।
17. जवाहर सिंह बेड़म : इन्हें भी राज्यमंत्री के रूप में शामिल किया गया है। गुर्जर समाज से आते हैं। नगर विधानसभा से विधायक चुनकर आए हैं।