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ऐसे होगा फायदा
परकोटे में मेट्रो संचालन न होने से पहले प्रतिदिन का यात्री भार 25 हजार तक था। परकोटे में दो स्टेशन बनने और ट्रेन के शुरू होने से यात्री भार 40 हजार के पार चला गया। वीकेंड पर तो 50 हजार के पार यात्री भार हो जाता है।
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मुख्यमंत्री-मंत्री कह चुके फेज-2 की बात
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल समय-समय पर मेट्रो के दूसरे चरण की बात कहते रहे हैं, लेकिन केंद्र सरकार से सहयोग की भी अपील करते रहे हैं।
ये हो रहा नुकसान
फेज 2 के न आने से नियमित रूप से यात्रा करने वाले लोगों को राहत नहीं मिल पा रही है। ऐसे यात्रियों को कई घंटे बस में सफर करना पड़ रहा है।
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यात्री भार न मिलने से मेट्रो भी घाटे में ही दौड़ रही है। जब तक विस्तार नहीं होगा तब तक यात्रियों का बढऩा संभव नहीं है।
फेज-2 की खास बात
4600 करोड़ की डीपीआर बनी है अम्बाबाड़ी से सीतापुरा तक की।
पूरा रूट एलिवेटेड होगा, पहले कुछ हिस्सा भूमिगत भी था।
टोंक रोड पर सर्वाधिक यात्री भार रहता है। जेसीटीएसएल की कम बसों के कारण भी यात्री परेशान रहते हैं।
मेट्रो फेज-2 धरातल पर न आ पाने के लिए आप किसे मानते हैं जिम्मेदार…दें प्रतिक्रिया