राजस्थान चुनाव 2023: इन विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस और बीजेपी को बगावत के साथ भीतरघात का भी खतरा
अरुण और परनामी अभी खाली हाथ: अरुण चतुर्वेदी 10 जुलाई 2009 से लेकर 8 फरवरी 2013 तक प्रदेश अध्यक्ष रहे। 2013 में भाजपा सरकार बनी तो पूरे पांच साल कैबिनेट मंत्री रहे। इसी तरह भाजपा के वरिष्ठ नेता अशोक परनामी को भी टिकट का इंतजार करना पड़ रहा है। परनामी जयपुर के महापौर रहे और आदर्श नगर सीट से विधायक बने। परनामी 12 फरवरी 2014 से लेकर 29 जून 2018 तक प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। इसी तरह पार्टी ने अभी तक विधानसभा के उपाध्यक्ष रहे राव राजेन्द्र सिंह के टिकट को लेकर भी स्थिति स्पष्ट नहीं की है। राव राजेन्द्र सिंह जयपुर जिले की शाहपुरा सीट से चुनाव लड़ते आ रहे हैं।
कांग्रेस में चार साल अध्यक्ष मगर टिकट का इंतजार: कांग्रेस की अब तक छठी सूची आ चुकी है, जिसमें 179 सीटों पर प्रत्याशी घोषित किए जा चुके हैं, लेकिन पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चन्द्रभान को लेकर स्थिति साफ नहीं हुई है। चन्द्रभान पार्टी के 2010 से लेकर 2014 तक अध्यक्ष रह चुके हैं। परिसीमन से पहले टोंक की टोडारायसिंह सीट और झुंझुनूं जिलेे की मंडावा सीट से विधायक रहे और मंत्री भी बने। मालपुरा सीट से चुनाव लडऩे की चर्चाएं हैं। यहां से पहले भी चुनाव लड़ चुके हैं।
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वरिष्ठ नेता मोरदिया टिकट इन वेटिंग: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता 73 वर्षीय परसराम मोरदिया 5 बार के विधायक है और राज्य सरकार में मंत्री रहने के अलावा राजस्थान आवासन मंडल के अध्यक्ष रह चुके हैं। प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष पद पर रहे हैं। धोद विधानसभा सीट से अभी विधायक हैं। लेकिन कांग्रेस की पांच सूची आने के बाद भी वे अब तक टिकट के इंतजार में हैं।