मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में अधिकारियों को लेकर पसंद और नापसंद बहुत चलता था, लेकिन मैं पूर्वाग्रह से ग्रसित नहीं हूं। हमारी सरकार में किसी भी अधिकारी के साथ कोई भेदभाव और प्रताडऩा नहीं होगी, लेकिन जनता के साथ भी भेदभाव नहीं होना चाहिए। सीएम ने कहा कि कुछ तो ऐसे हैं जो घड़ी देखकर काम करते हैं।
पिछली सरकार में नए जिलों के गठन को लेकर सीएम शर्मा ने अपना आक्रोश भी खुलेआम व्यक्त कर डाला। सीएम शर्मा ने पूर्ववर्ती सरकार पर हमला बोलते हुए यहां तक कह डाला कि ’आपने तो अति कर दी, बिना सोचे-समझे जिले बना दिए।’ एक जिले को बनाने में कितना पैसा खर्च होता है, कितने संसाधन लगते हैं, क्या इस बारे में सोच विचार नहीं करना चाहिए था? ‘आप’ तो प्रदेश के मुखिया थे… आपको तो चिंतन करना चाहिए था।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को ईमानदारी का पाठ पढ़ाते हुए कहा कि मेरे पास एक बुजुर्ग दंपती मिलने आए। वो बड़े पद से रिटायर्ड हुए थे। बेटों ने उन्हें घर से निकाल दिया था। उन्होंने कहा कि मैंने पांच मकान बनाए। एक बेटे ने दो मकान बेच दिए। दूसरे बेटे ने तीसरा मकान बेच दिया। चौथे में वो रहता है और पांचवा किराए पर दे रखा हैं। मैंने बुजुर्ग दंपती से पूछा कितना पैसा कमाया… ये उसी का फल है कि तुम्हें घर से निकाल दिया। इसलिए मैं कहना चाहता हूं कि जैसा करोगे वैसा ही भरोगे।