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जयपुर

चुनावी साल में वोट बैंक साधने की तरफ सरकार, 19 साल बाद नए सिरे से होगा सर्वे, कच्ची बस्तियों को मिलेंगे पट्टे

सरकार के फैसले से प्रदेश में सरकारी जमीनों पर बसी ज्यादातर कच्ची बस्तियों का नियमन हो जाएगा। क्योंकि अब नए सिरे से कच्ची बस्तियों का सर्वे हो सकेगा और इसमें नई बसी बस्तियां भी शामिल हो जाएंगी।

जयपुरApr 13, 2023 / 09:16 am

Santosh Trivedi

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पत्रिका न्यूज नेटवर्क/जयपुर. सरकार के फैसले से प्रदेश में सरकारी जमीनों पर बसी ज्यादातर कच्ची बस्तियों का नियमन हो जाएगा। क्योंकि अब नए सिरे से कच्ची बस्तियों का सर्वे हो सकेगा और इसमें नई बसी बस्तियां भी शामिल हो जाएंगी। पिछला सर्वे वर्ष 2004 में हुआ था। उसके बाद अब नए सिरे से सर्वे किया जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक अब लगभग सभी कच्ची बस्तियां नियमन के दायरे में आ जाएगी। बस्तियों के सर्वे में निर्धारित दस्तावेजों के आधार सूची तैयार की जाएगी।
इसके बाद नियमन योग्य बस्तियों में पट्टे देंगे। शहरों में लगातार ऐसी बस्तियों का दायरा फैलता जा रहा है, जिसे रोकने में सरकारी मशीनरी फेल हो रही है। अब इन्हें पट्टे देकर वोट बैंक साधने की तैयारी है। अभी तक 12 हजार बस्तियां चिह्नित है।
110 वर्गगज तक के पट्टे : ऐसी चिह्नित कच्ची बस्तियां जो सुविधा क्षेत्र (पार्क, खेल मैदान, रास्ता, खुली भूमि, सार्वजनिक भूमि) के लिए आरक्षित भूमि, वन भूमि, नदी, नाले, तालाब व प्रतिबंधित क्षेत्र में स्थित है, तो वहां पट्टे नहीं दिए जाएंगे। ऐसी नई कच्ची बस्तियों को पट्टे देंगे, जहां 2021 (कट ऑफ डेट) से पहले लोग बसे हैं। न्यूनतम 15 फीट चौड़ी सड़क होनी जरूरी है।
छात्रावासों को जमीन होगी आवंटित
मंत्रिमंडल की बुधवार को हुई बैठक में भूमि आवंटन नीति-2015 में संशोधन किया है। नीति में अब समाजों के नाम पर छात्रावास आवंटित करने का प्रावधान किया गया है। अब विभिन्न समाजों के विद्यार्थियों के लिए छात्रावास निर्माण के लिए रियायती दर पर भूमि आवंटन हो सकेगा। संभाग स्तर पर 2500 मीटर तथा अन्य शहरों में 3000 मीटर भूमि आवंटित करने का प्रावधान किया गया है।
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133 कानून खत्म होंगे: राज्य के 133 अप्रचलित और अनावश्यक कानून खत्म होंगे। मंत्रिमंडल ने राजस्थान विधियां निरसन विधेयक 2023 का अनुमोदन किया है। इनमें 33 मूल अधिनियम और 100 संशोधित अधिनियमों (केंद्रीय अधिनियमों में किए गए राज्य संशोधनों सहित) विधियां शामिल हैं। इनमें से कई की प्रासंगिकता नहीं रही।
मंत्रिमंडल ने राजस्थान शिक्षा सेवा (महाविद्यालय शाखा) नियम, 1986 में कॉलेज शिक्षा आयुक्त या निदेशक का पद भारतीय प्रशासनिक सेवा संवर्ग में शामिल करने को मंजूरी दी। वहीं, उत्कृष्ट खिलाड़ियों के आरक्षण को लेकर राजस्थान मदरसा शिक्षा सहायक अधीनस्थ सेवा नियम 2013, राजस्थान विनिर्दिष्ट क्षेत्र अधीनस्थ, मंत्रालयिक एवं चतुर्थ श्रेणी सेवा (भर्ती एवं अन्य सेवा की शर्तें) नियम 2014 और राजस्थान विद्यालय सहायक अधीनस्थ सेवा नियम, 2015 में संशोधन को मंजूरी भी दी गई।
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यह रहेगा नियमन शुल्क
क्षेत्रफल — नगर पालिका — नगर परिषद — नगर निगम
1 से 50 वर्गगज — 10 रुपए — 15 रुपए — 20 रुपए
51 से 110 वर्गगज — 20 रुपए — 30 रुपए — 40 रुपए
(बीपीएल के अलावा अन्य परिवारों पर दोगुना शुल्क, नियमन राशि व एक प्रतिशत लीज राशि एकमुश्त)

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