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जयपुर

ये कैसा अजब संयोग, गहलोत सरकार गठन के समय भी 199 विधायक थे और अब भी इतने ही विधायक

राजस्थान विधानसभा के साथ अजब संयोग रहा है। यहां हमेशा 200 विधायक बमुश्किल ही बैठ पाते हैं। 15वीं विधानसभा का कार्यकाल तो 200 की बजाय 199 विधायकों के साथ ही पूरा होगा।

जयपुरMay 29, 2023 / 05:42 pm

Umesh Sharma

ये कैसा अजब संयोग, गहलोत के सरकार गठन के समय भी 199 विधायक थे और अब भी इतने ही विधायक

ये कैसा अजब संयोग, गहलोत के सरकार गठन के समय भी 199 विधायक थे और अब भी इतने ही विधायक

जयपुर। राजस्थान विधानसभा के साथ अजब संयोग रहा है। यहां हमेशा 200 विधायक बमुश्किल ही बैठ पाते हैं। 15वीं विधानसभा का कार्यकाल तो 200 की बजाय 199 विधायकों के साथ ही पूरा होगा। असम का राज्यपाल बनने के बाद गुलाबचंद कटारिया ने विधायक व नेता प्रतिपक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद से यह पद खाली पड़ा है। साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में इस विधानसभा में 199 विधायक ही रहेंगे।

वर्तमान गहलोत सरकार के गठन के साथ ही उप चुनाव का क्रम चल रहा है। जब सरकार का गठन हुआ था तब भी विधानसभा में 199 ही विधायक थे। चुनाव के वक्त रामगढ़ में बसपा प्रत्याशी के निधन की वजह से वहां चुनाव स्थगित हो गया था। इसके बाद 2019 में हुए उप चुनाव कांग्रेस की सफिया जुबेर ने यहां से चुनाव जीता। अब विधानसभा का कार्यकाल पूरा होने जा रहा है और विधायकों की संख्या 199 ही है।

यूं हुई उप चुनाव की शुरुआत

2019 में हुए लोकसभा चुनाव में हनुमान बेनीवाल और नरेंद्र खींचड़ के सांसद बनने की वजह से खींवसर और मंडावा सीट खाली हुई थी, जिस पर उप चुनाव हुए। इसमें खींवसर से बेनीवाल के भाई नारायण बेनीवाल और मंडावा से कांग्रेस की रीटा चौधरी विधायक बनी। इस तरह 200 विधानसभा में विधायकों की संख्या 200 हुई।

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छह विधायकों की मौत, फिर हुए उप चुनाव

कोरोना काल में मंत्री और सुजानगढ़ से कांग्रेस विधायक मास्टर भंवरलाल, राजसमंद से भाजपा विधायक किरण माहेश्वरी, सहाड़ा से कांग्रेस विधायक कैलाश त्रिवेदी, वल्लभनगर से कांग्रेस विधायक गजेंद्र सिंह शक्तावत और धरियावद से भाजपा विधायक गौतमलाल मीणा का निधन हुआ था। इन पांच विधायकों का निधन होने के बाद उपचुनाव हुए और पांच नए विधायक चुने गए। इसी तरह कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक भंवरलाल शर्मा का निधन हो गया। बीते साढ़े चार साल में यह छठी मौत थी। इस सीट पर हुए उप चुनाव में भंवर लाल के पुत्र अनिल शर्मा की जीत हुई।

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