आरबीआइ ने जताई कड़ी आपत्ति
राज्य सरकार ने 13 जून को
अपेक्स बैंक के एमडी का जिम्मा सहकारी सेवा के अधिकारी धनसिंह देवल को दिया था। उनके कार्यभार की सूचना नाबार्ड व आरबीआइ को भेजी गई। आरबीआइ के सहायक महाप्रबंधक ने 2 अगस्त को बैंक को पत्र लिखकर कड़ी आपत्ति जताई। लिखा कि बैंकिंग विनियमन (संशोधन) अधिनियम, 2020 राज्य व केन्द्रीय सहकारी बैंकों पर लागू है। अधिनियम की धारा 35 बी (1)(बी) में बैंक में एमडी व सीईओ की नियुक्ति की प्रक्रिया स्पष्ट है, जिसके तहत नियुक्ति से पहले आरबीआइ की अनुमति जरूरी है। जबकि बैंक ने इसकी पालना नहीं की। आरबीआइ स्पष्ट किया कि एमडी की नियुक्ति तब तक मान्य नहीं होगी, जब तक आरबीआइ की अनुमति प्राप्त न हो।
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केन्द्रीय सहकारी बैंक और सभी जिलों के केन्द्रीय सहकारी बैंकों में एमडी की नियुक्ति को लेकर नाबार्ड ने 2 अप्रेल को राज्य सरकार को एक सर्कुलर भेजा था। इसमें बताया था कि सभी राज्यों को बैंकिंग विनियमन (संशोधन) अधिनियम, 2020 के तहत तय प्रक्रिया अपनानी होगी। नाबार्ड ने एमडी की पात्रता संबंधी नियम बताए थे। इस सर्कुलर में बताया था कि नई प्रक्रिया के तहत पात्र आवेदकों की जानकारी आरबीआइ को भेजी जाएगी। वहां से अंतिम नाम तय होगा। एमडी/सीईओ की नियुक्ति के साथ ही नियुक्ति की समाप्ति के लिए भी आरबीआइ की मंजूरी लेनी होगी।
संजय पाठक को दिया अपेक्स बैंक के एमडी का जिम्मेदारी
आरबीआइ ने यह पत्र धनसिंह देवल की नियुक्ति पर लिखा था। देवल 31 जुलाई को सेवानिवृत्त हो गए। राज्य सरकार ने उनके स्थान पर 1 अगस्त को अपेक्स बैंक के एमडी का जिम्मा अब संजय पाठक को दिया है। हालांकि उनकी नियुक्ति से पहले भी किसी तरह की इजाजत नहीं ली गई है। अभी सरकार ने यह भी स्पष्ट नहीं किया कि 29 सीसीबी में नए नियमों के तहत नियुक्ति प्रक्रिया अपनाई जाएगी या पहले की तरह तबादला सूची के तहत ही एमडी लगाए जाएंगे।