गुजरात ने समझी जरूरत, हमने नहीं
पड़ोसी राज्य गुजरात ने आपात स्थिति के लिए संसाधनों की जरूरत समझी है। इसी वर्ष मार्च में गुजरात की सरकारी सिविल एविएशन कंपनी ’गुजसेल’ ने सार्वजनिक एयर एंबुलेंस सेवा शुरू की। सूत्रों के अनुसार कंपनी ने वीवीआइपी मूवमेंट के सरकारी बेड़े के ही एक पुराने विमान को एयर एंबुलेंस में तब्दील कर इस सेवा को 108 सेवा से जोड़ दिया।
दो विमान और एक हेलीकॉप्टर बेच दिए
राजस्थान सरकार के बेड़े में भी फरवरी तक किंगएयर बी-200 और किंगएयर सी-90 विमान और अगस्ता वेस्टलैंड 109 ई-पवर हेलीकॉप्टर थे लेकिन इन्हें वीवीआइपी आवाजाही के लिए अनुपयोगी मान लिया गया। कड़ी मशक्कत के बाद राज्य सरकार ने इन्हें बेच तो दिया लेकिन नया विमान नहीं खरीदा।
पहली बार, ऐसे हाल
राज्य में ऐसा पहली बार है कि सरकार का पूरा नागरिक उड्डयन के नाम पर विभाग बचा है और विमान गायब हैं। 1985 में खरीदे गए बीचबैरॉन एयरक्राफ्ट के विमान और हेलीकॉप्टर लगातार बेड़े में बने हुए थे। 2006 में अंतिम विमान किंगएयर बी-200 सरकार ने खरीदा था। ऐसे में अब हर वीआईपी यात्रा के लिए सरकार को किराए का विमान लेना पड़ रहा है।