पुनर्गठन और पुनर्सीमांकन के चलते इन ग्राम पंचायतों में चुनाव नहीं हो सकेंगे। वहीं, शेष ग्राम पंचायतों का कार्यकाल सितम्बर 2025 में खत्म होगा। सभी के चुनाव एक साथ कराया जाना प्रस्तावित है। ऐसे में इन ग्राम पंचायतों में प्रशासक लगाने होंगे या अन्य विकल्प के तौर पर समिति बनाकर ग्राम पंचायत के संचालन की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। अभी सरकार ने इस संबंध में कोई निर्णय नहीं किया है।
जनवरी माह में 6759 सरपंचों का कार्यकाल पूरा हो रहा है। 17 जनवरी को 2726 ग्राम पंचायत, 22 जनवरी को 2333 और 29 जनवरी को 1700 ग्राम पंचायतों के सरपंचों का कार्यकाल पूरा हो रहा है। इसके अलावा मार्च 2025 में 704 और सितंबर 2025 में 3847 ग्राम पंचायतों का कार्यकाल पूरा होगा। इस माह 210 पंचायत समितियों का भी कार्यकाल पूरा हो जाएगा।
सरपंचों को सरकार के निर्णय का इंतजार
राजस्थान सरपंच संघ के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर ने बताया कि सरकार को मध्यप्रदेश, उत्तराखंड और झारखंड राज्यों की ओर से अपनाए गए विकल्प दे रखे हैं। अभी सरकार ने कोई निर्णय नहीं किया है। मध्यप्रदेश में ग्राम पंचायतों में समिति बनाकर उसका अध्यक्ष सरपंचों को बनाया गया था। झारखंड में विधेयक लाकर कार्यकाल बढ़ाया गया था और उत्तराखंड में सरपंचों को प्रशासक बनाया गया था। इसमें एक विकल्प पर निर्णय होना तय माना जा रहा है। पंचायतीराज मंत्री मदन दिलावर इस बारे में पहले की कह चुके हैं कि मुख्यमंत्री के स्तर पर इसका निर्णय होगा।