प्रदेश में 11 जन स्वास्थ्य प्रयोगशालाएं कार्यरत
गजेन्द्र सिंह ने बताया कि प्रदेश में मिलावटखोरी के सेंपलों की जांच के लिए 11 जन स्वास्थ्य प्रयोगशालाए जयपुर, जोधपुर, अजमेर, अलवर, उदयपुर, बांसवाड़ा, कोटा, भरतपुर, बीकानेर, जालौर व चूरू में कार्यरत हैं। शीघ्र ही बारां, बाड़मेर, धौलपुर, भीलवाड़ा, गंगानगर, नागौर तथा सीकर में 7 नई प्रयोगशालाओं को भी प्रारम्भ कर दिया जाएगा। यह भी पढ़ें – शिक्षा मंत्री मदन दिलावर का बड़ा बयान, अनावश्यक प्रतिनियुक्ति पर लगे कार्मिकों की प्रतिनियुक्ति निरस्त मिलावटखोरी के 1100 मामले कोर्ट में लंबित
गजेन्द्र सिंह ने बताया कि प्रदेश में मिलावटखोरी के 1100 मामले न्यायालय में लंबित हैं। दो हजार से अधिक चालान हुए हैं तथा 4 करोड़ रुपए का जुर्माना वसूल किया गया है। उन्होंने बताया कि मिलावटखोरी सिद्ध होने पर एक से 10 लाख रुपए तक के जुर्माने और 6 माह की जेल का प्रावधान है। गंभीर मिलावट पर आजीवन कारावास की सजा भी हो सकती है।
दो विभागों को मर्ज कर बनाया नया विभाग
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री
गजेन्द्र सिंह ने जानकारी दी कि 5 अप्रैल 2022 को सरकार द्वारा खाद्य सुरक्षा निदेशालय और औषधि नियंत्रण संगठन को मर्ज कर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि नियंत्रण आयुक्तालय स्थापित किया गया है। मर्जर के बाद 300 नए खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के पद सृजित किये गए, जिनकी भर्ती प्रक्रियाधीन है।
वर्तमान में फूड सेफ्टी ऑफिसर के कुल 398 पद स्वीकृत
इससे पहले विधायक गोपाल शर्मा के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि वर्तमान में फूड सेफ्टी ऑफिसर के कुल 398 पद स्वीकृत है। उन्होंने बताया कि खाद्य सुरक्षा एवं औषधि नियन्त्रण आयुक्तालय के एकीकरण के पश्चात स्थापित 25 मोबाइल टेस्टिंग लैब सहित, राज्य में कुल 34 मोबाइल टेस्टिंग लैब स्थापित हैं, जिनका संचालन अभिहित अधिकारी एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा किया जा रहा है। गजेन्द्र सिंह ने बताया कि खाद्य मोबाइल टेस्टिंग लैब के माध्यम से कुल 70 हजार 550 जांचें की गई। उन्होंने यह सूची सदन के पटल पर रखी।
मोबाइल टेस्टिंग लेब संचालित
चिकित्सा मंत्री ने बताया कि आमजन एवं खाद्य व्यापारियों को मिलावट के प्रति जागरूक करने के लिए मोबाइल टेस्टिंग लेब संचालित की जा रही है। जिसके द्वारा मौके पर नमूनों की जांच कर मिलावट के संबंध में अवगत कराया जाता है।