कहा जा रहा है कि जैसे ही पंजाब का मामला शांत होगा, उसके बाद राहुल गांधी अपना पूरा फोकस राजस्थान पर रखेंगे और इसी माह आखिर में राजस्थान का भी विवाद सुलझाएंगे।
हालांकि बीते साल आए सियासी संकट के बाद राहुल गांधी ने खुद को राजस्थान से अलग कर लिया था और इसकी कमान कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को थमा देती लेकिन अब फिर से राहुल गांधी ने राजस्थान की कमान अपने हाथों में ले ली है और संकेत भी दिए हैं। यही वजह है कि हाल ही में राहुल गांधी और सचिन पायलट की हुई मुलाकात को भी इसी से जोड़कर देखा जा रहा है।
17 सितंबर को हुई दोनों के बीच मुलाकात
पार्टी के विश्वस्त सूत्रों की माने तो कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच 17 सितंबर को दिल्ली में राहुल गांधी के आवास पर तकरीबन आधे घंटे तक बैठक हुई जिसमें दोनों के बीच राजस्थान के मसलों को लेकर चर्चा हुई है। बताया जा रहा है कि राजस्थान में बीते साल आए सियासी संकट के बाद राहुल गांधी और सचिन पायलट के बीच यह पहली मुलाकात थी।
हालांकि दोनों के बीच हुई बातचीत का ब्यौरा सामने नहीं आ पाया, लेकिन माना जा रहा है कि राजनीतिक नियुक्तियों और मंत्रिमंडल फेरबदल विस्तार को लेकर चर्चा हुई है। इससे पहले राहुल गांधी ने दिल्ली में 15 सितंबर को राजस्थान महिला कांग्रेस की अध्यक्ष रेहाना रियाज से भी फीडबैक लिया था।
नवरात्र से पहले हो सकता है मंत्रिमंडल फेरबदल
पार्टी के जानकारों की माने तो नवरात्र स्थापना से पहले प्रदेश में मंत्रिमंडल फेरबदल और विस्तार हो सकता है। इसके साथ ही प्रदेश स्तरीय राजनीतिक नियुक्तियां भी नवरात्र से पहले करने की बात कही जा रही है।
राजनीतिक नियुक्तियों सूची तैयार
सूत्रों की माने तो प्रदेश स्तरीय राजनीतिक नियुक्तियों की सूची तैयार होकर दिल्ली जा चुकी है। हालांकि सूची को अभी फाइनल रूप नहीं दिया गया है। इसके लिए एक बार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश प्रभारी अजय माकन, पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा और प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच चर्चा होकर फाइनल रूप दिया जाना है।
इसलिए कड़े फैसले ले रहे हैं राहुल गांधी
पार्टी के जानकारों की माने तो पार्टी में आलाकमान का इकबाल बुलंद रखने के लिए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी अब कड़े फैसले ले रहे हैं।
यही वजह है कि छत्तीसगढ़ और पंजाब में भी कड़े कदम उठा चुके हैं तो अब राजस्थान में भी अभी तक कार्यकर्ताओं को सत्ता में भागीदारी नहीं मिलने से राहुल गांधी नाराज बताए जाते हैं। जिसके बाद सूत्र संकेत दिया है कि पंजाब के बाद अब अगला नंबर राजस्थान का है जहां मंत्रिमंडल फेरबदल और राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर राहुल गांधी कड़े कदम उठाने वाले हैं।