ऐसे बनाए जाते हैं साइबर गुलाम
डीजीपी साइबर क्राइम प्रियदर्शी ने बताया कि रोजगार के नाम पर साइबर अपराधियों द्वारा पढ़े लिखे व तकनीकी प्रशिक्षित युवाओं का झांसा देकर दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों में आईटी क्षेत्र में रोजगार के लुभावने अवसर देकर फंसाया जा रहा हैं, जहां उन्हें ले जाकर उनके पासपोर्ट व अन्य परिचय पत्र छीने जाकर उन्हें बंधक के तौर पर साइबर गुलाम (स्लेव) बनाकर भाषा के आधार पर भारतीय नागरिकों के साथ साइबर धोखाधड़ी करने के लिए मजबूर किया जाता है।
ऐसे बरतें सावधानी
ऐसे अपराधियों पर प्रभावी कार्यवाही के लिए भारतीय विदेश मंत्रालय व पुलिस एजेंसियां ठोस कदम उठा रही हैं। आमजन से अपेक्षा है कि वे विदेश में रोजगार के संबंध में सावधानी बरतें तथा विदेश मंत्रालय में पंजीकृत भर्ती एजेंट द्वारा प्रसारित भर्ती का ही हिस्सा बने व अन्य व्यक्ति या एजेंट द्वारा दिया जा रहा रोजगार का आश्वासन व प्रलोभन अवैध है। उन्होंने बताया कि आमजन की जानकारी के लिए भारतीय विदेश मंत्रालय में पंजीकृत एजेंटों की सूची अधिकृत वेबसाइट पर उपलब्ध है, जहां से कोई भी व्यक्ति चैक कर सकता है कि उसे रोजगार का आश्वासन देने वाला व्यक्ति पंजीकृत एजेंट है या नहीं।
इस संबंध में यह सूचित किया जाता है कि विदेशों में रोजगार के लुभावने ऑफर पर भारतीय विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर देखकर ही आवेदन करें। आम जनता को सलाह दी जाती हैं कि ई-मेल, व्हाट्सएप, टेलीग्राम, इंस्टाग्राम व फेसबुक इत्यादी पर फर्जी लिंक की सूचना साइबर हेल्प लाईन नम्बर 1930, साइबर वेबसाईट https://cybercrime.gov.in एवं निकटतम पुलिस स्टेशन व साइबर पुलिस स्टेशन को देनी चाहिए।