होटल, रेस्टोरेंट और प्रतिष्ठानों से यह कंपनी सूखा कचरा एकत्र करेगी। रोजाना कंपनी 300 मैट्रिक टन कचरा उठाएगी। इसे लेकर प्लांट तक पहुंचाने का खर्च भी कंपनी ही उठाएगी। वहीं होटल व प्रतिष्ठानों से कचरा संग्रहण शुल्क भी वसूल किया जाएगा। री-साइकिल होने वाले कचरे की छंटाई कर उसे अलग किया जाएगा, इससे कंपनी को कमाई होगी। जलने योग्य कचरे को सीमेंट प्लांट को दिया जाएगा। बचे हुए कचरे को कचरागाह पहुंचाया जाएगा।
निगम को यह होगा फायदा
यह प्लांट साढ़े 13 करोड़ रुपए में बनकर तैयार होगा। इसमें करीब 10 करोड़ रुपए दोनों नगर निगम वहन कर रहे हैं। प्लांट तैयार होने के बाद कचरा संग्रहण का काम कंपनी करेगी, इससे निगम को हर माह 100 टन कचरे के परिवहन में होने वाले खर्च 30 लाख रुपए की बचत होगी। कंपनी 15 साल तक कचरा संग्रहण करेगी।