धीरेंद्र शास्त्री की भाषा पर सवाल
प्रताप सिंह खाचरियावास ने धीरेंद्र शास्त्री द्वारा क्षत्रिय समाज के खिलाफ दिए गए बयान को अनुचित बताया। उन्होंने कहा कि हम भगवान परशुराम और गुरु वशिष्ठ को अपना गुरु मानते हैं। आप किस अधिकार से क्षत्रियों पर ऐसी बातें कर रहे हैं? आपकी भाषा अहंकार से भरी हुई है। आप ना तो भगवान राम के अवतार हैं और ना ही कोई दिव्य पुरुष। आपकी भाषा से नफरत और विभाजन फैलता है। उन्होंने यह भी कहा कि धीरेंद्र शास्त्री द्वारा हिंदुओं को एकजुट करने का तरीका गलत है। उन्होंने कहा कि आपके जैसा घमंड और भाषा बोलने वाले पहले भी भाजपा का प्रचार कर चुके हैं, लेकिन ऐसे लोग ज्यादा दिन नहीं टिकते। आपसे पहले भी साध्वी उमा भारती, साध्वी, दिसंबर और कई साधू निकले थे, आज वो कहीं नहीं। आपकी राजनीति लंबे समय तक नहीं चलेगी।
बाबा के चमत्कारों को दी चुनौती
खाचरियावास ने धीरेंद्र शास्त्री के चमत्कारों पर सवाल उठाते हुए कहा कि आपके पास ऐसा कौन सा चमत्कार है? क्या आप सूरज को उगने से रोक सकते हैं? क्या आप ब्लड ट्रांसफ्यूजन का सिस्टम बदल सकते हैं, जहां जाति और धर्म के आधार पर खून चढ़ाया जाए? आप सिर्फ झूठे किस्से सुनाकर और जाति-धर्म को निशाना बनाकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं।
समाज का अपमान बर्दाश्त नहीं- खाचरियावास
खाचरियावास ने कहा कि क्षत्रिय समाज हमेशा से दलित, पीड़ित और शोषित लोगों की रक्षा के लिए खड़ा रहा है। उन्होंने कहा कि राजपूत समाज ने हमेशा ब्राह्मणों और अन्य समाजों का सम्मान किया है। लेकिन धीरेंद्र शास्त्री ने अपनी भाषा से क्षत्रियों का अपमान किया है। यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है।
धर्म और जाति से ऊपर उठने की सलाह
प्रताप सिंह ने धीरेंद्र शास्त्री को नसीहत देते हुए कहा कि अब तक तो आप बीजेपी का प्रचार कर रहे है तो मैं तो वैसे ही आपसे नाराज था। क्योंकि आप बीजेपी का प्रचार कर रहे हैं। आपका हमारे से क्या लेना देना? आपको ना देश से मतलब है ना धर्म से…आपने तो भगवान कृष्ण का राम का कद छोटा किया है। आपकी भाषा से आप कह रहे हैं…भगवान राम और भगवान कृष्ण तो पूरे ब्रह्माण्ड के मालिक हैं। भगवान राम और भगवान कृष्ण तो पूरे ब्रह्माण्ड के हैं, कोई धर्म और जाति के आधार पर आप उनको नहीं बांट सकते। खाचरियावास ने धीरेंद्र शास्त्री को नसीहत देते हुए कहा कि भगवान राम और कृष्ण पूरे ब्रह्मांड के हैं। उन्हें जाति और धर्म में बांटना गलत है। आपको अपनी भाषा और व्यवहार सुधारने की जरूरत है। उन्होंने बागेश्वर धाम के समर्थकों से अपील की कि जो संत जाति और धर्म के आधार पर समाज को बांटने की कोशिश करता है, वह आपको अंधकार की ओर ले जा रहा है।