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जयपुर

बीमार पिता के लिए श्रवण कुमार बनी प्रभजोत, नौकरी छोड़ करा रही इलाज

चार महीनों से पिता की बीमारी से संघर्ष कर रही बेटी की जिद पर कहीं पैसों की कमी भारी न पड़ जाए।

जयपुरOct 14, 2017 / 02:46 pm

Kamlesh Sharma

Prabhjot Kaur Gujral

Prabhjot Kaur Gujral

जयपुर। बुढ़ापे और बीमारी के समय जब बेटे भी माता-पिता का साथ छोड़ देते हैं, ऐसे में एक बेटी भविष्य दांव पर लगाकर पिता की सेवा कर रही है। इस बेटी की बस एक ही जिद है, पिता को मौत के मुंह से बाहर निकालना। चार महीनों से पिता की बीमारी से संघर्ष कर रही बेटी की जिद पर कहीं पैसों की कमी भारी न पड़ जाए।
गुरुनानकपुरा (राजापार्क) निवासी प्रभजोत कौर के पिता अजय पाल सिंह गुजराल गंभीर बीमारियों के चलते चार महीने से अस्पताल में भर्ती हैं। तीन साल से प्रभजोत परिवार चला रही है।

प्रभजोत ने बताया कि नौकरी के लिए तीन साल पहले मुंबई गई थी। तनख्वाह से जयपुर-मुंबई का खर्च चलाना मुश्किल हो रहा था। पांच महीने पहले मम्मी-पापा को मुंबई ही बुला लिया। शुरुआती दिनों में सब ठीक-ठाक रहा। जून में अचानक एक दिन पापा को ब्रेन स्ट्रोक हो गया। 10 जून को मुंबई के स्थानीय अस्पताल में पापा को भर्ती करवाया। उसी दिन ब्रेन स्ट्रोक के साथ उन्हें लकवा भी मार गया।
अस्पताल में इलाज के दौरान कई इंफेक्शनस ने और घेर लिया। जिससे पापा की लीवर, किडनी प्रभावित होने लगी। अस्पताल में जवाब दे दिया। इस दौरान तीन अस्पतालों का बिल कुल मिलाकर करीब 20 लाख रुपए बना। दोस्तों, नजदीकी रिश्तेदारों और सहकर्मियों से मदद लेकर मुश्किल से बिल चुकाया।
2 महीने पहले ट्रेन एंबुलेंस से लाए
प्रभजोत ने बताया कि मुंबई में डॉक्टर्स ने जब जवाब दे दिया तो पापा को ट्रेन एम्बुलेंस से जयपुर लाए। यहां एक अस्पताल में भर्ती करवाया। स्थिति में सुधार के बाद घर ले आए।
घर पर हालत सुधरी मगर 22 सितम्बर को अचानक फिर से इंफेक्शन हो गया। तब से पापा अस्पताल में भर्ती हैं। अस्पताल के बिल करीब 10 लाख रुपए बन चुका है। लेकिन, बिल कैसे चुकाऊं, समझ में नहीं आ रहा है।
मुंबई में क्रिएटिव डायरेक्टर, परिवार की इकलौती कमाऊ सदस्य
प्रभजोत मुंबई में टेलीविजन इंडस्ट्री में बतौर क्रिएटिव डायरेक्टर काम कर रही है। परिवार में पिता के अलावा मां अवनीत कौर भी हैं। बड़ी बहन की शादी हो चुकी है। वह नौकरी छोड़ जयपुर में पिता की सेवा कर रही है।
ऑनलाइन गुहार
पिता के इलाज के लिए प्रभजोत ने दोस्तों, रिश्तेदारों के अलावा ऑनलाइन भी गुहार लगाई है। प्रभजोत ने बताया कि ऑनलाइन भी लोगों ने राशि भेजी है। अब इलाज के लिए मुख्यमंत्री सहायता कोष, प्रधानमंत्री सहायता कोष में भी गुहार लगाई हैं। मगर अब तक वहां से भी सहायता राशि नहीं मिली है।

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