चर्चा यह भी रही कि कुछ विधायक और नेता यात्रा में सिर्फ अपने क्षेत्र तक ही सीमित रहे। अपने क्षेत्र की सरहद पर इन्होंने यात्रा को अलविदा कह दिया। इसे भी आपसी मनमुटाव का नतीजा बताया जा रहा है। भारत जोड़ो में कांग्रेस को जोडऩे के जो प्रयास राहुल की ओर से हुए वो स्पष्ट तौर पर अधूरे ही रहे। कोटा में भारत जोड़ो सेतू पर बनी यूनिटी की पेंटिंग पर हाथ का छापा लगाते समय राहुल ने इसे एक महत्वपूर्ण पड़ाव बताया। लेकिन कुछ नेताओं को यूनिटी का पाठ पढ़ाने और प्रदेश कांग्रेस को पटरी पर लाने के लिए अभी उन्हें और संघर्ष से गुजरना पड़ेगा।