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जयपुर

रसूखदार अपराधियों को बचाने के लिए पीएचक्यू ने जारी किया नया फरमान

पीएचक्यू का फरमान अपराधियों का चेहरा दिखा डॉन नहीं बनाएं

जयपुरJul 04, 2018 / 10:57 pm

pushpendra shekhawat

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रसूखदार अपराधियों को बचाने के लिए पीएचक्यू ने जारी किया नया फरमान

मुकेश शर्मा / जयपुर। राजस्थान पुलिस मुख्यालय ने हाल ही में प्रदेश पुलिस को एक फरमान जारी कर अपराधियों को डॉन नहीं बनाने की नसीहत दी है। मुख्यालय ने वीडियो कांफ्रेस के जरिए सभी थाना पुलिस को निर्देश दिए हैं कि किसी भी मामले में अपराधी के गिरफ्तार होने पर उसकी बापर्दा ही फोटो मीडिया में जारी की जाए। इससे उस अपराधी का महिमा मंडन नहीं हो सके। मीडिया के जरिए अपराधी अपने आस-पास और अन्य क्षेत्रों में हाइलाइट होकर वसूली व अन्य अपराध करने में जुट रहे हैं।
अधिकारियों ने आनंदपाल का नाम नहीं लिए बिना कहा कि है कि अब समाज में अपराधी को मसीहा समझा जाने लगा है। समाज अपराधी को बचाने के लिए उसका पूरा सपोट करता है। पुलिस के साथ खड़े होकर अपराधी की चेहरे सहित फोटो मीडिया में बार-बार आने से उनका महिमा मंडन हो रहा है। पुलिस से घिरे ऐसे अपराधियों की फोटो देख अन्य युवा अपराध की ओर अग्रसर हो रहे हैं। ऐसा अपराध में आने वाले युवाओं पर किए गए सर्वे में खुलासा हुआ है।
यह आई सर्वे में जानकारी
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सर्वे में पहली बार चोरी, लूट व अन्य आपराधिक प्रकरणों में पकड़े अस्सी फीसदी अपराधियों ने माना की अन्य अपराधियों को पुलिस से घिरा देख और मीडिया में बड़ी फोटो देख उनसे प्रेरित हो खुद की अलग पहचान बनाने के लिए अपराध की दुनिया में आ गए। पुलिस अधिकारी नाम उजागर नहीं करने पर पीएचक्यू के इस मौखिक आदेश की खुलकर जानकारी दे रहे हैं।
पोर्न फिल्में देख बन गए बलात्कारी
बलात्कार के मामलों में अधिकांश आरोपियों से पूछताछ में सामने आया है कि आसानी से मोबाइल पर ही पोर्न फिल्म देखने को मिल जाती है। शादी नहीं होने पर और अधिकांश समय अश्लील फिल्में देख अपनी हवस शिकार छोटी बच्चियों और बालिकाओं को बना लिया।
तो पहचान छिपाने से आमजन के बीच में रहकर सक्रिय
यह भी बात सामने आई कि अपराधी की पहचान छिपा दी जाएगी तो वह जेल से छूटने के बाद किसी भी क्षेत्र में जाकर रहने लगेगा। फिर अपराध में सक्रिय होने पर आस-पास के लोगों को भी उसकी संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी नहीं लगेगी। यहां तक की आस-पास के घरों को भी वह शिकार बना सकता है। फोटो प्रकाशित होने पर आस-पास के लोग तो उससे सतर्क रहेंगे। हालांकि अभी पुलिस अपनी कस्टडी में अपराधियों के चेहरे की फोटो खींचवाने से बच रही है।

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