एसीपी भोपाल सिंह भाटी ने बताया कि चरण मंदिर व नाहरगढ़ किले की ओर से जंगल में जहां-जहां लोगों के जाने की आशंका है, उन क्षेत्रों में सर्च ऑपरेशन किया गया। मंगलवार शाम तक राहुल का पता नहीं चलने पर जंगल के दुर्गम क्षेत्र, गहरी खाई और जो हिस्सा सर्च में बच गया, अब वहां तलाश शुरू की गई है। उन्होंने बताया कि राहुल का मोबाइल रविवार को बंद हो गया था, लेकिन जंगल में उसकी लोकेशन नाहरगढ़, वीकेआइ व भट्टा बस्ती क्षेत्र के टावर से मिल रही है। वहीं राहुल के बेबस माता-पिता उसके लौटने के इंतजार में हैं। राहुल के मिलने तक परिवार ने मुर्दाघर में रखे उसके छोटे भाई आशीष के शव का पोस्टमार्टम करवाने से इनकार कर दिया। आशीष का जन्मदिन 11 सितंबर को है।
परिजन व स्थानीय लोगों की टोलियां भी तलाश में जुटीं
राहुल के परिजन भी उसकी तलाश में जंगल में भटक रहे हैं। परिजन के साथ शहर के कई युवाओं की टोलियां भी सर्च ऑपरेशन में लगी हैं। जंगली जानवरों के हमले से बचने के लिए पुलिस ने 15-20 लोगों का समूह बनाकर साथ रहने की नसीहत दी है। प्रशासन की ओर से सर्च ऑपरेशन में जुटी टीमों ने
जयपुर के नाहरगढ़, शास्त्री नगर, भट्टा बस्ती, विश्वकर्मा व आमेर क्षेत्र की तरफ से अलग-अलग सर्च ऑपरेशन चला रखा है। गहरी खाई में रस्सी के जरिए एसडीआरएफ व एनडीआरएफ की टीम सर्च में जुटी हैं।
नाहरगढ़ की पार्किंग में आखिरी बार आए नजर
शास्त्री नगर थानाधिकारी दलबीर ने बताया कि राहुल व आशीष अंतिम बार रविवार सुबह 10-11 बजे नाहरगढ़ की पार्किंग में लगे सीसीटीवी कैमरे में नजर आए। राहुल के हाथ में एक सफेद रंग की थैली भी थी। जंगल में राहुल के साथ उसके मोबाइल व हाथ में नजर आ रही थैली को भी तलाशा जा रहा है, लेकिन मोबाइल व थैली भी नहीं मिली। सर्च के दौरान दिखा पैंथर
सर्च ऑपरेशन के दौरान नाहरगढ़ के जंगल में लोगों को पैंथर भी नजर आया। पैंथर रास्ते में बैठा था, जो लोगों की आहट पर वहां से भाग गया।