इधर, हजारों की आबादी पी रही गंदा पानी हवामहल विधान सभा के एक बड़े भाग की आबादी आए दिन गंदा और बदबूदार पानी पीने को मजबूर है। दूषित पानी पीने से आए दिन मासूमों को जान के लाले पड़ रहे हैं। वहीं इस क्षेत्र के कई इलाके तो ऐसे हैं जहां लोग बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं। टैंकर का पानी खरीदे पर मजबूर हैं। लेकिन मंत्री जोशी का फोकस सिर्फ लक्ष्मण डूंगरी प्रोजेक्ट से हट ही नहीं रहा है। अब जोशी इस परियोजना की जल्द से जल्द वित्तीय स्वीकृति के लिए वित्त विभाग के अफसरों पर दबाव बना रहे हैं। इस प्रोजेक्ट को लेकर सुबह शाम वे इंजीनियरों से चर्चा करते हैं।
प्रदेश के 20 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट की नहीं ली सुध पत्रिका की पड़ताल में सामने आया कि जलदाय मंत्री जोशी ने सिर्फ हवामहल विधान सभा क्षेत्र तक खुद को सीमित कर रखा है। जयपुर शहर में चल रहे 500 करोड़ रुपए के पेयजल प्रोजेक्ट को लेकर आज तक उन्होंने इंजीनियरों से चर्चा करना तक जरूरी नहीं समझा। वहीं प्रदेश में 20 हजार करोड़ की लागत से चल रहे स्पेशल प्रोजेक्ट की प्रगति को लेकर आज तक कोई बैठक नहीं ली। ऐसे में ठेकेदार अपनी मनमर्जी पर उतारू हैं और प्रोजेक्ट का काम कछुआ चाल से चल रहा है।
बिना अपॉइंटमेंट आमजन के लिए दरवाजा बंदहवामहल क्षेत्र में दूषित पानी के कहर से जूझ रहे क्षेत्रवासियों ने बताया कि दूषित पानी या फिर पानी नहीं आने की समस्या लेकर सिविल लाइंस आवास पर जाते हैं तो सुरक्षाकर्मी पूछते हैं कि मंत्रीजी से मिलने का अपॉइंटमेंट लिया या नहीं? अपॉइंटमेंट नहीं होने की बात सुन कर सुरक्षाकर्मी दरवाजा बंद कर देते हैं और लोग मायूस हो लौट जाते हैं।