आरजीएचएस की सतर्कता टीम अस्पताल में औचक निरीक्षण करने पहुंची तो वहां पटवारी के स्थान पर वार्ड में उसका भाई एडमिट होकर इलाज करवाता हुआ मिला। जिसके बाद दस्तावेजों की जांच में सामने आया कि पटवारी भीलवाड़ा जिले के आसींद में कार्यरत है। पटवारी संत राम मीणा के आरजीएचएस कार्ड से उसके भाई कमलेश कुमार मीणा को एडमिट कर उपचार किया जा रहा था, जो कि नियमों में नहीं था। सरकारी कर्मचारी की इस करतूत के बाद उसके कार्ड को ब्लॉक करके विभागीय कार्रवाई करने की प्रक्रिया शुरू हो गई हैं।
वही इस मामले में अब निजी अस्पताल की भूमिका की भी जांच की जा रही है। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि उन्हें जो कार्ड दिया गया। उसमें पटवारी और उसके भाई की फोटो मिलती जुलती थी। ऐसे में वह यह फर्जीवाड़ा नहीं पकड़ सके। विजिलेंस की टीम पूरे मामले की जांच में जुटी है।