एसओजी ने इस संबंध में मामला भी दर्ज किया है। एसओजी ने बताया कि प्रियंका बिश्नोई ने वीडीओ की परीक्षा में गुजरात से बीए की डिग्री लेना बताया, जबकि पीजीडीसीए की बैक डेट में डिग्री ओपीजेएस यूनिवर्सिटी से बनवाई। एक साथ दो ग्रेजुएशन की डिग्री लेना संभव नहीं है। लाइब्रेरियन की डिग्री
उत्तर प्रदेश की शिकोहाबाद यूनिवर्सिटी से ली। पीटीआई भर्ती परीक्षा के लिए डीपीएड की डिग्री ओपीजेएस यूनिवर्सिटी से ली। एसओजी ने इन डिग्री की जांच की तो फर्जी निकली। पेपरलीक मामले में भूपेन्द्र सारण अभी जेल में बंद है। एसओजी ने आरोपी भूपेन्द्र के आवास पर छापा मारा तब उसके घर से बड़ी संख्या में कई लोगों के नाम की फर्जी डिग्रियां मिली थीं।
पीटीआई में हो गया था चयन
पीटीआई भर्ती के परिणाम में प्रियंका बिश्नोई का चयन हो गया था। शिक्षा विभाग ने प्रियंका के शैक्षणिक दस्तावेज को हरी झंडी दे दी थी। इसके बाद भर्ती में चयनित अभ्यर्थियों की सूची में प्रियंका नाम शामिल हो गया। लेकिन राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने फाइनल परिणाम तैयार करते समय प्रियंका का नाम पकड़ लिया। इसके बाद बोर्ड ने उसके परिणाम पर रोक लगा दी थी। बोर्ड ने फर्जी डिग्री बांटने के मामले में 12 यूनिवर्सिटी को चिह्नित किया था।