मुख्य अतिथि डॉ. बृजमोहन भारद्वाज, संस्थापक, अपना घर आश्रम, भरतपुर ने समाज के सबसे कमजोर वर्गों की सेवा पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि सेवा के लिए संसाधन की आवश्यकता नहीं होती, यदि सेवा सच्ची है, तो संसाधन अपने आप उपलब्ध हो जाते हैं। समाज के प्रत्येक व्यक्ति की जिम्मेदारी है कि वह वंचितों की मदद करे।
एसीएस कुलदीप रांका ने अंत्योदय की भावना पर बल देते हुए कहा कि समाज के अंतिम व्यक्ति की मदद करना ही असली सेवा है। उन्होंने 15 दिसंबर को सरकार द्वारा 10,000 कैलिपर वितरण की योजना की जानकारी दी। कार्यक्रम में स्वर्गीय एम.एल. मेहता के जीवन और कार्यों पर आधारित एक लघु फिल्म भी प्रदर्शित की गई। इसके अलावा सुमेधा स्कॉलरशिप के तहत मेधावी छात्रों को चेक प्रदान किए गए।