अतिक्रमण हटाने के दौरान ओड़वाड़ा में पुलिस द्वारा महिला को बाल पकड़कर खींचने सहित महिलाओं से बदसलूकी के मामले में राज्य महिला आयोग ने शुक्रवार सुबह प्रसंज्ञान लिया और सदस्य अंजना मेघवाल और सुमित्रा जैन को मौके पर भेजा गया।
महिला आयोग ने जाना दर्द
राज्य महिला आयोग अध्यक्ष रेहाना रियाज चिश्ती ने बताया कि दोनों सदस्यों ने पीड़ित महिलाओं से मिलकर घटना के बारे में उन्हें टेलीफोन पर जानकारी दी। उन्हें बताया गया कि एक लड़की की 55 दिन बाद शादी है, मां मजदूरी करती है और उसके पिता व भाई हैं नहीं। पुलिस के बर्ताव के कारण एक पांच साल की बच्ची सदमे में है। कोर्ट के आदेश की पालना में कार्रवाई हुई, लेकिन वहां महिला पुलिस नहीं थी और महिला कलक्टर ने संवेदनशीलता नहीं दिखाई। इन सब मुद्दों को लेकर दो सदस्यीय टीम की रिपोर्ट मिलने पर सोमवार को आयोग कलक्टर व एसपी को नोटिस जारी करेगा।
हाईकोर्ट ने लगाई रोक
हालांकि जालोर जिले के ओड़वाड़ा गांव में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दूसरे दिन राजस्थान हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया। हाईकोर्ट ने शुक्रवार को ओड़वाड़ा गांव के ग्रामीणों को बड़ी राहत देते हुए अतिक्रमण हटाने पर रोक लगा दी है। 29 लोगों की याचिका पर सुनवाई करते हुए अतिक्रमण हटाने पर रोक का निर्णय लिया है।