क्योंकि रामगढ़ बांध ही एक ऐसा पर्यटन केन्द्र होगा जहां सैलानी एक तरफ बांध की पाल से बांध को देख सकेंगे तो दूसरी ओर रामगढ़ अभ्यारण में शेर-चीते देखने के रोमांच का अनुभव कर सकेंगे।
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पावणों को भा रहा है ग्रामीण पर्यटन: जयपुर शहर में विश्व प्रसिद्ध आमेर महल, हवामहल जैसे स्मारक हैं और हर साल इन स्मारकों को देखने के लिए देश विदेश से लाखों सैलानी आते हैं। लेकिन कोरोना के बाद विदेशी पावणों के घूमने फिरने के शौक में बदलाव आया है। विदेशी पावणों को शहर की भीड़भाड़ की जगह जयपुर शहर के आस-पास का ग्रामीण पर्यटन भा रहा है। बांध भरने पर पावणों के लिए जयपुर शहर के नजदीक ग्रामीण पर्यटन का बड़ा केन्द्र होगा। साथ ही रामगढ़ अभ्यारण भी पास होने से खुद को प्रकृति के और भी नजदीक महसूस करेंगे।
रामगढ़ बांध भरने के बाद इस क्षेत्र की तस्वीर ही बदल जाएगी। पर्यटन तो बढ़ेगा ही साथ ही जैव विविधता भी मजबूत होगी।-शिखर अग्रवाल, अतिरिक्त मुख्य सचिव, वन एवं पर्यावरण विभाग
रामगढ़ बांध के भरने के बाद ग्रामीण पर्यटन नई उंचाइयों पर पहुंचेगा। क्योंकि यूरोपीय देशों से जयपुर घूमने आने वाले 40 प्रतिशत से ज्यादा सैलानी ग्रामीण पर्यटन को पसंद कर रहे हैं। जयपुर दुनिया के पर्यटन के नक्शे पर नई पहचान बनाएगा।-महेन्द्र सिंह राठौड़ अध्यक्ष,राजस्थान एसोसिएशन ऑफ टयूर ऑपरेटर्स
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कोटपूतली और दौसा तक बढ़ जाएगा जल स्तर: जयपुर जिले में कोटपूतली, शाहपुरा समेत कई ब्लॉक गिरते भू जल के कारण डार्क जोन में आ चुके हैं। बांध के भरने के बाद कोटपूतली और दौसा तक भू जल स्तर बढे़गा। जिससे वर्षों से सूखे पड़े कुए और बावड़ियों में पानी आएगा। साथ ही बांध से बनने वाली पेयजल परियोजनाओं से जयपुर जिले के एक हजार से ज्यादा गांव भी तर होंगे।