ग्रामीण क्षेत्रों में रास्तों पर अतिक्रमण से जुड़े मामलों की संख्या बढ़ रही है, जिससे आमजन को न्यायालय में वाद दायर करने पड़ते हैं और उन्हें समय तथा धन की हानि भी होती है। इस समस्या को ध्यान में रखते हुए, प्रशासन ने “रास्ता खोलो अभियान” के तहत हर सप्ताह कम से कम तीन रास्तों को अतिक्रमण मुक्त कराने का लक्ष्य रखा है।
अभियान के तहत सभी खंड विकास अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराएंगे, जबकि उपखंड अधिकारी हर सप्ताह संबंधित तहसीलदार, थानाधिकारी और विकास अधिकारी के साथ मामलों की समीक्षा करेंगे। चिन्हित रास्तों को प्राथमिकता के आधार पर खोला जाएगा। रास्ते खुलने के बाद खंड विकास अधिकारी सुनिश्चित करेंगे कि वहां ग्रेवल या सीसी रोड का निर्माण हो, ताकि दोबारा अतिक्रमण की संभावना न रहे।
प्रत्येक शुक्रवार को राजस्व और पुलिस विभाग के अधिकारी अतिक्रमण हटाने के लिए संयुक्त कार्यवाही करेंगे। अगर किसी कारणवश शुक्रवार को कार्यवाही संभव नहीं होती है, तो इसे शनिवार या अगले कार्य दिवस पर अनिवार्य रूप से पूरा किया जाएगा।
अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिए अतिरिक्त जिला कलेक्टर (प्रथम) को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है, जबकि अतिरिक्त जिला कलेक्टर (चतुर्थ) सह-नोडल अधिकारी के रूप में कार्य करेंगे। हर क्षेत्र के प्रभारी उपखंड अधिकारी होंगे, जो अपने-अपने क्षेत्रों में अभियान की गतिविधियों का पर्यवेक्षण करेंगे।
इस अभियान के तहत आम रास्तों और गोचर भूमि से अतिक्रमण हटाने, बंद किए गए खातेदारी रास्तों को पुनः खोलने, राजस्व अभिलेखों में दर्ज रास्तों को सुलभ बनाने, विभाजित कृषि जोतों के लिए रास्ता तय करने, राजकीय भूमि पर सार्वजनिक रास्ता निकालने और खातेदार किसानों को खेत तक पहुंचाने के लिए रास्ते का प्रावधान करने जैसे मामलों का निस्तारण किया जाएगा।