Rajasthan Politics : क्या हो गया पायलट और गहलोत का समझौता, कांग्रेस से आया बड़ा सियासी अपडेट
दूदू : बगरू, फुलेरा व रेनवाल चाहते जयपुर
दूदू वर्तमान में पंचायत है। यहां अधिकतर सरकारी कार्यालय मौजमाबाद में हैं। इसके विपरीत शहर से नजदीक बगरू में वर्षों से नगर पालिका है। नया जिला बनने के बाद बगरू के लोगों की दूदू के बजाय जयपुर में जुड़े रहने की इच्छा है। कारण भी साफ है। दूदू के बजाय जयपुर शहर नजदीक है। बगरू से कांग्रेस विधायक गंगा देवी ने भी कहा है कि बगरू जयपुर दक्षिण क्षेत्र में ही रहेगा। फुलेरा के लोगों ने भी जयपुर में शामिल किए जाने की मांग की है। किशनगढ़-रेनवाल के लोगों ने भी जयपुर से जुडे़ रहने की मांग की।
कुम्हेर को डीग में शामिल न करने की मांग
स्थानीय लोगों की मांग है कि कुम्हेर को डीग में शामिल नहीं किया जाए। रारह की सरपंच ने भरतपुर में ही रखने की मांग की है। हालांकि नए जिलों की घोषणा से डीग में खुशी है।
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भीलवाड़ा के बदनोर कस्बे में जश्न
ब्यावर को जिला बनाने पर भीलवाड़ा के बदनोर कस्बे के लोगों ने जश्न मनाया। लोगों की मांग है कि उन्हें भीलवाड़ा से हटा कर नजदीक होने के कारण ब्यावर में शामिल किया जाए। बदनोर का जुड़ाव भीलवाड़ा या शाहपुरा की बजाय ब्यावर से अधिक है। शाहपुरा भी बदनोर से काफी दूर रहेगा। भीलवाड़ा के कुछ गांवों के लोग अपने नजदीक वाले जिले में रहने की आवाज उठा सकते हैं। बदनोर से ब्यावर मात्र 38 किमी. दूर है। जबकि भीलवाड़ा 76 किमी. दूर है। भीलवाड़ा से अलग हुआ शाहपुरा 90 किमी. दूर है। ऐसे में लोगों ने ब्यावर से जुड़ने की मांग रखी है।
भीनमाल के लोगों ने नए जिले सांचौर में दिलचस्पी नहीं दिखाई है। भीनमाल जालोर से 80 किमी. व सांचौर भी 70 किमी. दूर है। दूरी में ज्यादा अंतर नहीं होने के बावजूद लोगों का झुकाव जालोर की ओर है। शहर के वराहश्याम मंदिर के सत्संग भवन में शनिवार को विभिन्न संगठनों की हुई बैठक में लोगों ने भीनमाल को जालोर जिले में यथावत रखने की मांग रखी। विधायक पूराराम चौधरी को लोगों के आक्रोश का सामना भी करना पड़ा। सोमवार को भीनमाल बंद रखने का निर्णय किया गया। लोगों ने विधायक चौधरी व सांसद देवजी पटेल के विरोध में निंदा प्रस्ताव भी लिया।
यहां भी उठ रहे विरोध के स्वर
जिला मुख्यालय बनाने की दौड़
नागौर भाजपा सरकार के समय पूर्व मंत्री युनूस खान ने डीडवाना को जिला बनाने को प्रशासनिक दृष्टि से कई कार्यालय खुलवाए, वहीं कांग्रेस सरकार में उप मुख्य सचेतक महेन्द्र चौधरी ने कुचामन को जिला बनवाने की दृष्टि से एडीएम व एएसपी सहित अन्य कार्यालय खुलवाए। कुचामन यदि जिला मुख्यालय बनता है तो लाडनूं, नावां, परबतसर, डीडवाना व मकराना के बीच में रहेगा, लेकिन डीडवाना बनता है तो नावां के मींडा, घाटवा तथा परबतसर के गांवों की दूरी करीब 100 किलोमीटर तक हो जाएगी।
जयपुर में रहना चाहते विराटनगर के लोग
कोटपूतली को जिला घोषित करने के साथ ही विराटनगर के लोगों ने जयपुर से अलग होने इनकार कर दिया। यहां कोटपूतली में जोड़ने की संभावना को लेकर विरोध के स्वर उठने लगे हैं। बस स्टैंड स्थित हनुमान बगीची में शनिवार को सर्व समाज की बैठक में विराटनगर को जयपुर में यथावत रखने की मांग की। बैठक में लोगों ने कहा कि यदि राज्य सरकार विराटनगर को नवगठित कोटपूतली जिले में जोड़ती है तो विराटनगर विधानसभा क्षेत्र के लोग आंदोलन करेंगे।
नीमकाथाना : गुढ़ागौड़जी तहसील के लिए मुश्किल
नीमकाथाना जिला बनने से साफ है कि गुढ़ागौड़जी तहसील इसमें शामिल होगी। हालांकि यहां के लोगों ने इसे सही नहीं बताया है। खुद सैनिक कल्याण राज्यमंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा का कहना है कि गुढ़ागौड़जी के गांवों की नीमकाथाना से काफी दूरी है। इसलिए उन्हें नीमकाथाना में न जोड़कर झुंझुनूं में ही रखा जाए। इस संबंध में वह जल्द ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलेंगे।