दरअसल, सांगानेर स्टेशन घनी आबादी के बीच स्थित है। शहरी इलाके में शामिल है। इसके बावजूद रेलवे ने कभी उस पर ध्यान नहीं दिया। इस कारण यहां कुछेक ट्रेनों का ही ठहराव हो पा रहा है। साथ ही यात्री सुविधाएं भी बहुत कम हैं। राजस्थान पत्रिका ने पत्रिका रीडर्स फेस्ट अभियान के तहत अमृतकाल में भी दुर्गापुरा और सांगानेर स्टेशन का नहीं होगा कायाकल्प शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। इसके बाद रेलवे बोर्ड ने स्टेशन की सुध ली। जयपुर मंडल के डीआरएम समेत अन्य रेल अधिकारियों ने स्टेशन का जायजा लिया। उसके बाद इस स्टेशन को अमृत भारत स्टेशन योजना में शामिल करने और उसके तहत इसके पुनर्विकास के लिए सहमति मांगी। रेलवे बोर्ड ने गुरुवार को सांगानेर और बीकानेर डिवीजन के अनूपगढ़ को इस योजना में शामिल करने की स्वीकृति जारी कर दी है।
रेलमंत्री आज कर सकते घोषणा
रेलवे अधिकारियों के अनुसार शुक्रवार सुबह रेलमंत्री वैष्णव जयपुर आएंगे। वे जयपुर जंक्शन व गांधीनगर स्टेशन पर हो रहे विकास कार्यों का जायजा लेंगे। उसके बाद सांगानेर रेलवे स्टेशन जाएंगे। रेलमंत्री स्टेशन का निरीक्षण करेंगे और इसको अमृत भारत स्टेशन योजना में शामिल करने की घोषणा भी कर सकते हैं। हालांकि इस स्टेशन के उक्त योजना में शामिल करने का बोर्ड ने आदेश जारी कर दिया है।
नए भवन में विकसित होंगी सुविधाएं
इस स्टेशन का कायाकल्प करीब 35 करोड़ में होगा। इसके तहत नया भवन, पार्किंग एरिया, वेटिंग एरिया, नए टिकट घर, रिजर्वेशन काउंटर, लिफ्ट, एस्केलेटर समेत कई यात्री सुविधाएं मिलेंगी। स्टेशन का द्वितीय प्रवेश द्वार भी बनाया जाएगा।
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ट्रेनों का ठहराव होगा शुरू
सांगानेर स्टेशन सांगानेर, मानसरोवर, सीतापुरा, प्रतापनगर के अलावा मुहाना व उसके आसपास ग्रामीण इलाके से जुड़ा है। रंगाई-छपाई के कारखाने में भी बड़ी संख्या में लोग काम करते हैं। इनमें काफी लोग दूसरे शहरों व राज्यों से आए हुए हैं। स्टेशन का पुनर्विकास होगा और यात्री सुविधाएं बढ़ेंगी तो ज्यादा से ज्यादा ट्रेनों का ठहराव होगा। इससे स्टेशन पर यात्रीभार भी बढ़ेगा। सुपरफास्ट, मेल, एक्सप्रेस भी रुकेगी। लोगों को यहां से दुर्गापुरा, गांधीनगर या जंक्शन नहीं जाना पड़ेगा।