बसपा प्रत्याशियों के नामांकन वापस लिए जाने को लेकर पार्टी के भीतर मामला गर्मा गया है। सूत्रों की मानें तो बसपा के शीर्ष नेतृत्व ने भी इस मामले में प्रदेश नेतृत्व से रिपोर्ट मांगी है।
इन दो सीटों पर नामांकन खारिज
बसपा ने विद्याधर नगर में ज्योति दिवाकर को प्रत्याशी बनाया था तो वहीं जमवारामगढ़ में गोपी राम मीणा को प्रत्याशी बनाया था, लेकिन नामांकन की जांच की दौरान कुछ खामियों के चलते दोनों के नामांकन खारिज हो गए।
इन तीन सीटों पर प्रत्याशियों ने नाम लिए वापस
वहीं सिविल लाइंस में बसपा ने अरुण चतुर्वेदी और सांगानेर में रामलाल चौधरी और हवामहल में तरुषा पाराशर को प्रत्याशी बनाया गया था। सिविल लाइंस से बसपा प्रत्याशी चतुर्वेदी ने कांग्रेस प्रत्याशी प्रताप सिंह खाचरियावास के समर्थन में नामांकन वापस ले लिया और कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली। सांगानेर में कांग्रेस से बगावत करके बसपा में गए रामलाल चौधरी ने भी कांग्रेस प्रत्याशी पुष्पेंद्र भारद्वाज के समर्थन में नामांकन वापस ले लिया। वहीं हवामहल से बसपा प्रत्याशी तरुषा पाराशर ने भाजपा के समर्थन में नामांकन वापस ले लिया।
गौरतलब है कि भाजपा-कांग्रेस के बाद बसपा ही प्रदेश मेें एक मात्र ऐसा दल है जिसके लगातार दो बार 6-6 विधायक चुने गए थे। साल 2008 में 6 और 2018 में 6 विधायक चुने गए थे। हालांकि दोनों बार बसपा के सभी विधायक कांग्रेस के साथ चले गए थे।
इनका कहना है
कांग्रेस ने सिविल लाइंस और सांगानेर में बसपा प्रत्याशियों पर दबाव बनाया और लालच देकर उन्हें नामांकन वापस लेने पर मजबूर किया।
भगवान सिंह बाबा, प्रदेशाध्यक्ष, बसपा
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