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जयपुर

मंत्रीजी हमारी आंखों से देखिए रामगढ़ के बहाव क्षेत्र में फार्म हाउस…सड़क भी

Ramgarh Dam: पिछले वर्ष मार्च में अशोक गहलोत सरकार ने राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (रालोपा) के तत्कालीन विधायक पुखराज के सवाल पर जवाब दिया था कि- बहाव क्षेत्र से 640 अतिक्रमण हटाकर 323 हेक्टेयर से अधिक भूमि मुक्त करा ली है और बांध में अतिक्रमण नहीं रहा।

जयपुरJul 17, 2024 / 11:51 am

Akshita Deora

प्रदेश के जल संसाधन मंत्री की आंखें खोलने के लिए ये तस्वीरें काफी हैं। रामगढ़ बांध के बहाव क्षेत्र (कैचमेंट) में फार्म हाउस भी हैं और रिसॉर्ट भी।

बांध के बहाव क्षेत्र का गला घोंटा गया है, पर न तो सरकार को ये नजर आ रहे हैं और न ही मंत्री को। नगरीय विकास मंत्री ने भी आंखें मूंद रखी हैं। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार भी इसके घेरे में है, क्योंकि उनके समय ज्यादातर निर्माण हुए। हाईकोर्ट की मॉनिटरिंग कमेटी की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। राजस्थान पत्रिका की टीम ने भी मौका देखा तो अफसर-नेताओं के गठजोड़ की करतूत सामने आई।
पिछले दिनों कमेटी ने मौका देखा और रिपोर्ट तैयार की। कमेटी ने मुख्य न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव की खंडपीठ में सोमवार को इस रिपोर्ट का हवाला दिया। जिस पर कोर्ट ने रिपोर्ट नियमित प्रक्रिया से पेश करने को कहा है। इस मामले पर दो सप्ताह बाद सुनवाई होगी। कमेटी ने जल संसाधन विभाग को बहाव क्षेत्र से अतिक्रमण हटाने के लिए कहा। इसके बाद विभाग ने कलक्टर, जेडीए, सार्वजनिक निर्माण विभाग, खान विभाग, राजस्व विभाग, वन विभाग सहित अन्य विभागों को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है।
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डेढ़ साल पुराना जवाब ही दोहरा दिया…

जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत ने विधानसभा में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में दिए गए जवाब को ही दोहरा दिया। पिछले वर्ष मार्च में अशोक गहलोत सरकार ने राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (रालोपा) के तत्कालीन विधायक पुखराज के सवाल पर जवाब दिया था कि- बहाव क्षेत्र से 640 अतिक्रमण हटाकर 323 हेक्टेयर से अधिक भूमि मुक्त करा ली है और बांध में अतिक्रमण नहीं रहा।

रामगढ़ बांध का दम घुट रहा, सरकार ने बंद की आंखें

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने मंगलवार को बजट बहस पर विपक्ष का पक्ष रखते हुए रामगढ़ बांध का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि रामगढ़ बांध पूरे जयपुर की प्यास बुझा सकता है। वित्त मंत्री दिया कुमारी यहां मौजूद हैं, उनके पुरखों ने यह बांध बनाया। हाईकोर्ट की कमेटी मानती है कि इस पर अतिक्रमण हैं, लेकिन हमारी सरकार अतिक्रमण नहीं मानती।

मॉनिटरिंग कमेटी की आंखों-देखी, कब्जे ही कब्जे

  • * कमेटी ने पिछले माह क्षेत्र का निरीक्षण कर अतिक्रमण चिन्हित किए।
  • * बाण गंगा नदी व सहायक नदी नालों में कच्चे-पक्के अतिक्रमण हैं। ऊंचे एनीकट बना दिए गए।
  • * रामगढ़ बांध से जुड़ी रोड़ा नदी के उद्गम स्थल पर करीब 30 फीट ऊंचा बांधनुमा एनीकट बना है।
  • * अचरोल नदी के बहाव क्षेत्र में क्रेशर प्लांट व एक बिल्डिंग का निर्माण। निम्स विवि के निर्माण से नाले का बहाव बंद हो गया।
  • * सीरा का बास गांव में सार्वजनिक निर्माण विभाग ने सीमेंट-कंक्रीट सडक तक बना दी।
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  • * विराटनगर के मेड़ गांव में बाण गंगा नदी के उद्गम स्थल के पास वन विभाग ने नदी का बहाव क्षेत्र बंद कर दिया।
  • * काट गांव के पास बहाव क्षेत्र में पंचायत ने सड़क बना दी।
  • * लदाना में तीन ओर से पहाड़ों से घिरे क्षेत्र में रिसॉर्ट बनाकर झरनों को रोक दिया।
  • * टोडामीणा गांव में पीडब्ल्यूडी ने सीसी सड़क का निर्माण कर पानी का रास्ता बंद कर दिया।
  • * सामरेड़ कलां में खनन माफिया ने नाले के बहाव क्षेत्र को बंद कर दिया।
  • * लदाना गांव में गोमती नाले के बहाव क्षेत्र में 200 बीघा क्षेत्र में रिसॉर्ट बन गया है। रिसॉर्ट तक सड़क भी बनी हुई है। इसी क्षेत्र में होटल भी बना लिया गया।
वन विभाग ने स्ट्रक्चर बनाकर पहाड़ों से आने वाला पानी रोक दिया है। खनन करके तालाबनुमा ढांचे बना दिए हैं। कैचमेंट के नदी-नाले बंद हो गए और अतिक्रमण हो रहा है, ऐसे में बांध में पानी आना मुश्किल है। रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश की जा रही है। वीरेंद्र डांगी, सदस्य, रामगढ़ बांध मॉनिटरिंग कमेटी

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