परिजन रात 9 बजे नवजात को लेकर पहुंचे तो जेके लोन अस्पताल से एसएमएस भेज दिया गया। वहां से वापस भेजा तो जेके लोन अस्पताल में चिकित्सकों ने बेड नहीं होने का हवाला दे निजी अस्पताल में जाने की सलाह दी। वहां पहुंचे तो उन्होंने भी जेके लोन भेज दिया। रात 12.30 आकर हंगामा किया तब चिकित्सकों ने सुध ली और इमरजेंसी में शिफ्ट किया। सुबह 8.30 बजे नवजात को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद परिजन ने हंगामा किया और चिकित्सकों पर कार्रवाई की मांग को लेकर अधीक्षक को शिकायत भी दी है। आरोप है कि नवजात को समय पर इलाज मिलता तो उसकी जान बच सकती थी।
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कमेटी गठित
नवजात गंभीर हालत में लाया गया था। मामले की जांच के लिए कमेटी गठित की गई है। उसमें पांच वरिष्ठ चिकित्सक शामिल हैं। तीन दिन में कमेटी की रिपोर्ट मिल जाएगी। लापरवाही मिली तो कार्रवाई करेंगे।
डॉ. कैलाश मीणा, अधीक्षक, जेके लोन अस्पताल