एसओजी सूत्रों के मुताबिक गिरफ्तारी के बाद जब सभी ट्रेनी एसआई को मुख्यालय में लाया गया था, तो सभी सीना तानकर खुद को निर्दोष बताने लगे। क्योंकि गिरोह ने पहले ही बता रखा था कि कभी भी मामला खुल जाए तो भागना नहीं और सीमित जवाब देना है, जिससे पूछताछ करने वाले अधिक पड़ताल नहीं कर सके। लेकिन, पूछताछ के दौरान जब एसओजी ने सवालों की छडी सी लगा दी तो सभी आरोपी टूट गए। पूछताछ में सामने आया है कि आरपीए में ट्रेनिंग कर रहे अन्य एसआई भी जगदीश के संपर्क में है।
एसओजी-एटीएस एडीजी वी.के. सिंह ने बताया कि एफएसएल के साथ एसओजी की टीम बनाई है। प्रशिक्षण लेने वाले सभी उप निरीक्षकों के परीक्षा के दौरान किए गए हस्ताक्षर व उनकी फोटो की तस्दीक की जाएगी। प्रशिक्षण के दौरान उनके किए गए हस्ताक्षरों से मिलान किया जाएगा। डमी अभ्यर्थी बैठाकर थानेदार बनने की तस्दीक होने पर उन्हें भी गिरफ्तार किया जाएगा। वहीं, एएसपी रामसिंह शेखावत की टीम ने फर्जीवाड़ा करने वाले कुछ और उप निरीक्षकों को चिह्नित किया है। रामसिंह शेखावत ने बताया कि एसओजी की तस्दीक पूरी होने पर इन थानेदारों से भी पूछताछ की जाएगी।
बता दें कि एसओजी ने मंगलवार शाम 14 ट्रेनी एसआई को गिरफ्तारी के बाद बुधवार को कोर्ट में पेश किया। जहां से कोर्ट आरोपी नरेश कुमार, सुरेंद्र कुमार, करणपाल गोदारा, विवेक भांभू, मनोहरलाल, गोपीराम, श्रवण कुमार, रोहिताश्व कुमार, प्रेम सुखी, एकता, भगवती, राजेश्वर, नारंगी और चंचल कुमारी को 12 मार्च तक एसओजी की अभिरक्षा में भेज दिया है।
वन्यजीव प्रेमियों के लिए अच्छी खबर…पुणे से नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क पहुंची बाघिन ‘भक्ति’
एसओजी ने कनिष्ठ अभियंता पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किए गए शिक्षक राजेन्द्र यादव, पटवारी हर्षवर्धन, लाइब्रेरियन शिवरतन मोट व राजेन्द्र कुमार यादव उर्फ राजू को बुधवार को प्रॉडक्शन वारंट पर उप निरीक्षक भर्ती परीक्षा पेपरलीक प्रकरण में जेल से गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार थानेदार, पेपरलीक के सरगना और चारों आरोपियों को आमने-सामने बिठाकर पूछताछ की जाएगी।