दरअसल, कई बार मानवीय भूल या सिग्नल फेल होने के कारण ट्रेन हादसे होते हैं, जिससे न केवल मानव जीवन को नुकसान होता है, बल्कि रेल संपति को भी हानि पहुंचती है। इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए रेलवे अब सिग्नल सिस्टम को अपग्रेड करेगा।
उत्तर पश्चिम रेलवे में लागू होगी पायलट प्रोजेक्ट
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, इस प्रोजेक्ट की शुरुआत देश में सबसे पहले मध्यप्रदेश के रतलाम मंडल में की गई थी और अब इसे उत्तर पश्चिम रेलवे में भी लागू किया जाएगा। इसके साथ ही असामाजिक तत्वों द्वार सिग्नल के साथ की गई छेड़छाड़ का पता लगाने में भी आसानी होगी, जिससे तत्काल कार्रवाई कर दुर्घटनाओं को रोका जा सकेगा।
यों होगा सिस्टम में अपग्रेडेशन
एक वरिष्ठ रेलये अधिकारी ने बताया कि ट्रेन की एक से दूसरी लाइन पर रहने के लिए पॉइंट मशीन का उपयोग किया जाता है। इस दौरान कई बार मानवीय से दुर्घटनाएं हो जाती है। इसे रोकने के लिए सिग्नल प्रणाली को अपग्रेड करते हुए इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग को ऑप्टिकल फाइबर केबल के माध्यम से कम्प्यूटरीकृत डायरेक्ट ड्राइव से जोड़ा जाएगा। इस उपाय से सिग्नल फेल होने की आशंका नगण्य हो जाएगी।