बैठक के बाद परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने कहा कि केन्द्र के कानून का सम्मान करते हैं और यातायात नियमों के उल्लंघन को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। शराब पीकर वाहन चलाने और ओवर स्पीड वाहन दौड़ाने वालों को किसी भी हालात में राहत नहीं मिलेगी। लेकिन राज्य सरकार का मानना है कि जुर्माना बढ़ाकर यातायात नियमों की पालना नहीं कराई जा सकती। इसके लिए जनजागरूकता का माहौल तैयार करना होगा। इसके लिए ऐसे यातायात उल्लंघन के मामलों जुर्माना राशि में कुछ राहत दिए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं, जिनसे आम गरीब पर भार नहीं पड़े। नए प्रावधानों में बिना हेलमेट पाए जाने पर दुपहिया चालक का 1000 रुपए का चालान बनाने के लिए कहा गया है। तो पूर्व निर्धारित 100 रुपए के चालान को 200 रुपए कर, शेष राशि से गुणवत्ता युक्त हेलमेट प्रदान किए जाने जैसे सकारात्मक उपाय क्यों नहीं किए जा सकते थे?
मंत्री ने कहा कि 4-5 हजार की पुरानी मोटर साइकिल चलाने वाले गरीब मजदूर, मित्री व अन्य कैसे 5 हजार रुपए तक जुर्माना दे सकेंगे। इसको लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व अन्य कुछ मंत्रियों से भी चर्चा की गई है। विभाग का मकसद है कि इसके लिए अन्य प्रबुद्ध लोगों से भी चर्चा की जाए। उन्होंने ज्यादा जुर्माना वसूली से तो भ्रष्टाचार और बढऩे की आशंका जाहिर की। उनका कहना था कि अभी तक किसी भी राज्य ने इसे लागू किए जाने को लेकर अधिसूचना जारी नहीं की है।