जयपुर

सरसों का बिजाई रकबा ऐतिहासिक स्तर पर पहुंचा, 115 लाख टन उत्पादन की उम्मीद

नई सरसों की आवक घरेलू मंडियों में बढ़कर दो लाख बोरी तक पहुंच चुकी है। फरवरी के अंत तक यह आंकड़ा चार लाख बोरी के करीब होगा।

जयपुरFeb 11, 2023 / 09:55 am

Narendra Singh Solanki

सरसों का बिजाई रकबा ऐतिहासिक स्तर पर पहुंचा, 115 लाख टन उत्पादन की उम्मीद

नई सरसों की आवक घरेलू मंडियों में बढ़कर दो लाख बोरी तक पहुंच चुकी है। फरवरी के अंत तक यह आंकड़ा चार लाख बोरी के करीब होगा। यहीं कारण है कि मंडियों में सरसों के दामों में गिरावट का दौर बना हुआ है। मिल डिलीवरी सरसों 42 प्रतिशत तेल कंडीशन के भाव नीचे आकर 5900 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास रह गए हैं। मंडियों में लूज सरसों वर्तमान में 5350 से 5540 रुपए प्रति क्विंटल बिक रही है। पिछले साल देश में 111 लाख टन सरसों की पैदावार हुई थी, जो कि इस साल बढ़कर 115 लाख टन होने की उम्मीद है। मरुधर ट्रेडिंग एजेंसी के एमडी अनिल चतर ने बताया कि पिछले 11 माह में अब तक करीब 102 लाख टन सरसों की पेराई हो चुकी है। मार्च 2022 से जनवरी 2023 के दौरान राष्ट्रीय स्तर पर मंडियों में कुल 105 लाख टन सरसों की आवक हुई है। इसमें से 102 लाख टन सरसों की पेराई होने का अनुमान लगाया गया है।
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सरसों का बिजाई रकबा बढ़ा

इस साल सरसों का बिजाई रकबा बढ़कर 98.02 लाख हैक्टेयर के सर्वकालीन उच्च स्तर पर पहुंच गया है, जो कि पिछले साल के बिजाई क्षेत्र 91.25 लाख हैक्टेयर से 6.77 लाख हैक्टेयर अधिक है। चतर ने कहा कि सरसों के भाव ऊंचे होने, अनुकूल मौसम एवं एमएसपी में हुई 400 रुपए प्रति क्विंटल की भारी बढ़ोतरी से किसानों को सरसों की बिजाई के लिए अच्छा प्रोत्साहन मिला। फलस्वरूप सरसों का बिजाई रकबा एतिहासिक स्तर पर पहुंच गया।
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सरसों की कहां कितनी आवक

राजस्थान 60 हजार बोरी

मध्य प्रदेश 30 हजार बोरी

उत्तर प्रदेश 25 हजार बोरी

गुजरात 30 हजार बोरी

हरियाणा 5 हजार बोरी

अन्य प्रदेश 50 हजार बोरी

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