इधर सफाई कर्मचारियों की हड़ताल का असर देखा जा रहा है। आज दोनो निगम में किसी भी जगह सफाई नहीं हुई है। जिसके कारण कॉलोनियों व बाजारों में कचरे के ढेर लगे हुए है। अगर हड़ताल जारी रही तो शहर की सफाई व्यवस्था बदहाल हो जाएगी।
बता दें कि हाल ही में राज्य सरकार की ओर से सफाई कर्मचारी भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन की तिथि को 27 नवंबर तक बढ़ाया गया था। ऐसे में कर्मचारियों के पास अनुभव प्रमाण पत्र के साथ आवेदन करने के लिए महज एक दिन का समय बचा है। लेकिन ठेकेदारों के जरिए बीट्स पर काम कर चुके कर्मचारियों से ईएसआई-पीएफ के दस्तावेज मांगे जा रहे हैं। इसके चलते उनके अनुभव प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहे हैं। ऐसे में वाल्मीकि समाज से जुड़े सफाई कर्मचारियों ने एक बार फिर कार्य बहिष्कार करने का ऐलान किया है। साथ ही आरोप भी लगाया है कि अधिकारी पैसे लेकर फर्जी प्रमाण पत्र बना रहे हैं।
सोमवार को हेरिटेज निगम मुख्यालय पर निगम कमिश्नर अरुण हसीजा और उपायुक्तों के साथ हुई मीटिंग के बाद वाल्मीकि समाज सफाई श्रमिक संघ ने वार्ता विफल होने की बात कहते हुए मंगलवार से कार्य बहिष्कार करने की चेतावनी दी थी। संघ के अध्यक्ष नंदकिशोर डंडोरिया ने आरोप लगाते हुए कहा कि अधिकारियों का यही मकसद है कि धीरे-धीरे समय निकल जाए और वाल्मीकि समाज के युवा इस भर्ती में शामिल न हो सके। ये वाल्मीकि समाज के साथ कुठाराघात है। इसलिए ये फैसला लिया गया है कि आज से सभी कर्मचारी अपने वार्डों से हाजरी करके हेरिटेज नगर निगम में एकत्रित होंगे और सामूहिक अवकाश लेकर कार्य बहिष्कार करेंगे।
उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि अधिकारी गैर वाल्मीकि समाज के फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र बना रहे हैं उनके ना तो ईएसआई-पीएफ का रिकार्ड देखा गया और ना ही कोई शपथ पत्र देखा गया। जबकि वाल्मीकि समाज के लोगों से शपथ पत्र भी मांगा जा रहा है और ईएसआई पीएफ का रिकॉर्ड भी मांगा जा रहा है। अधिकारियों की ये मंशा है कि वाल्मीकि समाज के लोग सफाई कर्मचारी भर्ती से वंचित रहे। उन्होंने जयपुर शहर ही नहीं बल्कि अन्य नगरीय निकायों में भी फर्जी प्रमाण पत्र मिलने का आरोप लगाया। साथ ही बताया कि एक महिला का प्रमाण पत्र तो सीवर चेंबर की सफाई का बनाया गया है। जबकि वाल्मीकि समाज की ही कोई महिला कभी सीवर चेंबर में नहीं उतरी, जबकि वो तो गैर वाल्मीकि समाज की है। उन्होंने चेतावनी दी कि अनुभव प्रमाण पत्र बनाने में यदि सौतेला व्यवहार किया गया तो पहले जयपुर और फिर पूरे प्रदेश में हड़ताल की जाएगी।
वहीं सफाई कर्मचारियों से वार्ता के बाद हेरिटेज निगम कमिश्नर अरुण हसीजा ने कहा कि सफाई कर्मचारी भर्ती में अनुभव प्रमाण पत्र को लेकर समस्या आ रही हैं। ठेकेदारों ने तत्कालीन कार्मिकों का ईएसआई और पीएफ नहीं काटा और ना ही ऐसे कार्मिकों का कहीं कोई नाम दर्ज है। ऐसे लोगों का सत्यापन करने में परेशानी हो रही है। उन्होंने बताया कि पिछली वार्ता में ये तय हुआ था कि ठेकेदार इस संबंध में कोई शपथ पत्र दे दे कि उन्होंने ईएसआई-पीएफ न काटकर के नकद तनख्वाह दी है। इस तरह के शपथ पत्र को भी मान्य मान लिया जाता। लेकिन ठेकेदारों ने इस तरह का कोई शपथ पत्र देने से इनकार कर दिया। ऐसे में जो भी आवेदन आ रहे हैं उनके दस्तावेज सही पाए जाने पर अनुभव प्रमाण पत्र जारी हो रहे हैं। जिसमें कोई भी दस्तावेज की कमी है तो शपथ पत्र मांगा जा रहा है। अभ्यर्थी शपथ पत्र देते हैं तो अनुभव प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाएगा।