scriptRajasthan Election 2023 : सर्वे को आधार बनाने वाली कांग्रेस भूली वादे, नेताओं के वफादारों ने ही मारी बाजी | Patrika News
जयपुर

Rajasthan Election 2023 : सर्वे को आधार बनाने वाली कांग्रेस भूली वादे, नेताओं के वफादारों ने ही मारी बाजी

Rajasthan Assembly Election 2023 : कांग्रेस में टिकट वितरण से पहले हर बार कई नियम बनाए जाते हैं, लेकिन टिकट वितरण में सभी वादे धरे रह जाते हैं। बाजी वही मारते हैं, जो बड़े नेताओं की पसंद और उनके वफादार होते हैं।

जयपुरOct 25, 2023 / 07:11 am

Kirti Verma

congress_ujjain23.png

युवा चेहरों पर भी विशेष भरोसा दिखाया

जयपुर। Rajasthan Assembly Election 2023 : कांग्रेस में टिकट वितरण से पहले हर बार कई नियम बनाए जाते हैं, लेकिन टिकट वितरण में सभी वादे धरे रह जाते हैं। बाजी वही मारते हैं, जो बड़े नेताओं की पसंद और उनके वफादार होते हैं। कांग्रेस ने गत विधानसभा चुनाव में दो बार हारे, 70 से अधिक उम्र, अधिक वोटों से हारे, खराब छवि वालों को टिकट से बाहर रखने और परिवारवाद को महत्व नहीं देने के वादे किए, लेकिन टिकट का समय आया तो सब कुछ धरा रह गया। वहीं इस बार चुनावों को लेकर कांग्रेस में हो रहा है। सबसे ज्यादा सर्वे के आधार पर टिकट वितरण को लेकर खूब दावे किए गए। लेकिन फिर एक बार सारे सर्वे धरे रह गए। कांग्रेस ने अब तक 76 टिकट बांटे हैं, उन्हीं को टिकट मिले हैं जो राज्य के बड़े नेताओं की पसंद हैं।

मतदाता और पार्टी कार्यकर्ता की उम्मीदों पर फिरा पानी
राजनीतिक दलों के चुनाव से पहले के वादों में सबसे बड़ी हार मतदाता और पार्टी के आम कार्यकर्ता की होती है। जब टिकट वितरण को लेकर कांग्रेस नियम बनाती है तो कार्यकताZ बार-बार टिकट मिलने वालों से मुक्ति की राह देखते हैं। वहीं क्षेत्र के अन्य नेता टिकट की उम्मीद में दिल्ली की भागदौड़ शुरू कर देते हैं। कांग्रेस में इस बार यही हो रहा है।

यह भी पढ़ें

भाजपा सांसद बालकनाथ ने कहा- गांव में 1440 वोट हैं तो यहां 1450 पड़ेंगे, वीडियो हुआ वायरल



सर्वे धरा रह गया, कार्यकर्ता मायूस
कांग्रेस में जब नीति के आधार पर ही टिकट देने का दावा किया गया तो तमाम विधानसभा क्षेत्रों के युवा नेताओं ने जयपुर-दिल्ली की दौड़ तेज करने के साथ ही क्षेत्र में भी खूब भागदौड़ की। नाम भी उनके सर्वे में शामिल हुए, लेकिन टिकट वितरण में विधायकों की ही लॉटरी लगने से वे पदाधिकारी और कार्यकर्ता मायूस होकर बैठ गए हैं, जो लंबे समय से पार्टी में काम कर रहे थे।

सर्वे पर ही प्रश्नचिह्न लगा रहे नेता
सर्वे को आधार बनाने के दावे करने वाली पार्टी के ही कुछ नेता अब सर्वे पर ही प्रश्नचिह्न लगा रहे हैं। यहां तक कहा जा रहा है कि सर्वे करने वाले किस तरह मोटी रकम वसूलते हैं और किया उलटफेर करते हैं, यह सभी जानते हैं।

वंशवाद पर ही फोकस
कांग्रेस ने अब तक 76 टिकट दिए हैं। इनमें विधायकों को ज्यादा टिकट दिए हैं, लेकिन जहां विधायकों या पिछले दावेदारों के टिकट काटे गए हैं, वहां पति या पत्नी को टिकट दिए गए हैं। यह करिश्मा हुआ है अलवर के रामगढ़ और बीकानेर की नौखा विधानसभा सीट पर। इससे पहले कांग्रेस ने उप चुनाव में भी सरदार शहर, सुजानगढ़ और सहाड़ा सीट पर दिवंगत नेताओं के पुत्र व पत्नी को टिकट देकर चुनाव में उतारा।

यह भी पढ़ें

डूंगरपुर विधानसभा क्षेत्र में टिकट नहीं मिलने पर प्रधान के बगावती तेवर

नीतियों के विरुद्ध जाकर मिले टिकट
सत्तर पार के नेताओं की बात करें तो कांग्रेस अब तक तीन नेताओं को टिकट दे चुकी है। सभी दिग्गज नेता हैं। इसी प्रकार दो बार हारे नेताओं में अर्चना शर्मा, नसीम अख्तर और रघुवीर मीणा शामिल हैं। दावा किया जा रहा है कि पार्टी के पास यहां और ज्यादा बेहतर विकल्प नहीं थे।

प्रभारी के बयान के मायने धरे रहे गए
कुछ समय पहले एक कार्यक्रम में प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने ही कहा था कि नए और युवा नेताओं के लिए बड़े नेताओं को सीट छोड़ देनी चाहिए। रंधावा के इस बयान ने युवाओं का बड़ा सुकून दिया था। लेकिन बयान के नए नेता मायने ही निकालते रह गए।

https://youtu.be/c5g1b6t6–c

Hindi News/ Jaipur / Rajasthan Election 2023 : सर्वे को आधार बनाने वाली कांग्रेस भूली वादे, नेताओं के वफादारों ने ही मारी बाजी

ट्रेंडिंग वीडियो