scriptफिक्स्ड डोज़ कॉम्बिनेशन दवाएं, क्या हैं और क्यों हो रही हैं बैन? | Fixed dose combination medicines Government Ban 156 Fixed-Dose Combination Drugs | Patrika News
स्वास्थ्य

फिक्स्ड डोज़ कॉम्बिनेशन दवाएं, क्या हैं और क्यों हो रही हैं बैन?

Fixed dose combination medicines : फिक्स्ड डोज़ कॉम्बिनेशन (FDC) दवाएं वे दवाइयां होती हैं, जिनमें एक ही डोज़ में दो या दो से अधिक सक्रिय फार्मास्युटिकल घटक होते हैं। इनका उपयोग कई बीमारियों के इलाज में किया जाता है, जैसे HIV, टीबी और उHigh BP।

जयपुरSep 22, 2024 / 03:33 pm

Manoj Kumar

Fixed dose combination medicines

Fixed dose combination medicines

Fixed dose combination medicines : फिक्स्ड डोज़ कॉम्बिनेशन (Fixed Dose Combination Drugs) दवाएं वे फार्मुलेशन हैं जिनमें दो या दो से अधिक सक्रिय फार्मास्युटिकल घटक (APIs) एक ही डोज़ में होते हैं। इन दवाओं का उपयोग कई स्वास्थ्य स्थितियों के इलाज में किया जाता है जैसे कि HIV, टीबी और उच्च रक्तचाप। FDC दवाएं मरीजों के इलाज को सरल बनाने, उनके इलाज के अनुपालन को बढ़ाने और दवाओं की प्रभावशीलता को बढ़ाने में मदद करती हैं। उदाहरण के तौर पर, डायबिटीज के इलाज में मेटफॉर्मिन और ग्लाइबुराइड का एक संयोजन कम डोज़ में अधिक प्रभावी होता है।

सरकार ने क्यों बैन किया FDCs को? Why Did the Government Ban 156 Fixed Dose Combination Drugs

हालांकि, भारत सरकार ने हाल के वर्षों में कई FDCs पर प्रतिबंध लगाया है। अगस्त 2024 में सरकार ने 156 FDCs को बैन किया, जिनमें दर्द निवारक, मल्टीविटामिन और एंटीबायोटिक्स शामिल हैं। इन दवाओं को बैन करने का कारण यह था कि इनका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं था, और ये मरीजों के लिए हानिकारक साबित हो सकती थीं। इससे पहले, 2016 में भी सरकार ने 344 FDCs पर प्रतिबंध लगाया था, लेकिन बाद में अदालत के हस्तक्षेप से केवल 14 दवाएं ही बैन की जा सकीं।
यह भी पढ़ें-Weight Loss Drugs : बिना डॉक्टर की सलाह के वजन घटाने की दवा लेना पड़ सकता है भारी

FDCs के खतरे

फिक्स्ड डोज़ कॉम्बिनेशन दवाओं (Fixed dose combination medicines) के साथ सबसे बड़ी समस्या यह है कि कई बार ये दवाएं परस्पर विरोधी घटकों को एक साथ मिलाकर बनाई जाती हैं, जिससे गंभीर साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। डॉक्टर पवन गुप्ता के अनुसार, ये दवाएं हाइपरसेंसिटिविटी, एरिदमिया, और गंभीर एलर्जी जैसी जानलेवा स्थितियों का कारण बन सकती हैं। इसके अलावा, जब मरीज को एक घटक की अधिक या कम आवश्यकता होती है, तो पूरे संयोजन को समायोजित करना मुश्किल हो जाता है, जिससे इलाज की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है।

एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस का खतरा

एंटीबायोटिक्स के मामले में, FDCs का उपयोग कभी-कभी प्रतिरोधी संक्रमणों को जन्म दे सकता है, विशेष रूप से तब जब सभी घटक संक्रमण के लिए प्रभावी नहीं होते। भारत में एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस एक गंभीर खतरा बनता जा रहा है, और FDCs के बैन को इसे नियंत्रित करने की दिशा में एक कदम माना जा रहा है।

राज्य स्तर पर बिना पर्याप्त निगरानी के मंजूरी

भारत में FDCs का लोकप्रिय होना इसकी सस्ती कीमत और आसान उपलब्धता के कारण हुआ है। हालांकि, इन दवाओं की राज्य स्तर पर बिना पर्याप्त परीक्षण और केंद्रीय नियामक प्राधिकरण की मंजूरी के साथ अनुमति दी गई थी। इससे 2018 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा 328 FDCs पर बैन लगाने का आदेश जारी किया गया।
यह भी पढ़ें-Prevent hair graying : बालों को सफेद होने से रोकने के 7 प्रभावी उपाय

फिक्स्ड डोज़ कॉम्बिनेशन दवाएं (Fixed dose combination medicines) इलाज को सरल और अधिक प्रभावी बना सकती हैं, लेकिन जब इनका वैज्ञानिक परीक्षण नहीं होता और इन्हें अव्यवस्थित तरीके से इस्तेमाल किया जाता है, तो ये मरीजों के स्वास्थ्य के लिए खतरा बन सकती हैं। सरकारी कदम इन्हें रोकने की दिशा में एक जरूरी कदम हो सकता है, विशेष रूप से जब भारत एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस जैसी चुनौतियों का सामना कर रहा है।

Hindi News / Health / फिक्स्ड डोज़ कॉम्बिनेशन दवाएं, क्या हैं और क्यों हो रही हैं बैन?

ट्रेंडिंग वीडियो