मानवेंद्र के सामने लड़ा था परिहार ने निर्दलीय चुनाव
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेहद करीबी माने जाने वाले सुनील परिहार ने विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर सिवाना सीट पर मानवेंद्र के खिलाफ चुनाव लड़ा था। त्रिकोणीय मुकाबले में भाजपा के उम्मीदवार हमीर सिंह भायल जीत गए थे और मानवेंद्र को हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि तब पार्टी ने सुनील परिहार और फतेह खान को 6 वर्ष की अवधि के लिए निष्कासित कर दिया था लेकिन अब लोकसभा चुनाव को देखते हुए उनका निष्कासन रद्द कर दिया गया है और उन्हें पार्टी में फिर से शामिल कर लिया गया।
साल 2018 में भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए थे मानवेंद्र सिंह
पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह जसोल के पुत्र और बाड़मेर से सांसद रहे मानवेंद्र सिंह ने साल 2018 में भाजपा छोड़कर कांग्रेस का दामन थामा था, जिसके बाद उन्हें तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के सामने झालरापाटन से टिकट दिया गया था लेकिन वे चुनाव हार गए थे। साल 2019 में भी मानवेंद्र को बाड़मेर-जैसलमेर सीट से टिकट दिया गया था लेकिन वहां भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद हाल ही में विधानसभा चुनाव में भी सिवाना सीट पर उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
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