मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो अगले सप्ताहभर तक प्रदेश में हीटवेव चलने और पारा 40 डिग्री के पार जाने की आशंका है। पश्चिमी मैदानी इलाकों में दिन में पारा सामान्य से 3-4 डिग्री तक अधिक दर्ज हो सकता है। हालांकि इस बीच राहत की खबर भी है कि प्रदेश में माह के दूसरे पखवाड़े में मानसून पूर्व बारिश की शुरू होने वाली हलचल से गिरने वाली राहत की बौछारें गर्मी की तपिश से थोड़ी राहत देने में मददगार साबित हो सकती हैं।
मौसम चक्र में आए बदलाव के बाद अब प्रदेश में दक्षिण पश्चिमी मानसून जुलाई से अक्टूबर माह तक सक्रिय रहने वाला है। अक्टूबर के अंत तक प्रदेश से मानसून विदाई की औपचारिक घोषणा होगी। अरब सागर में समुद्री हवाओं के असर ने केरल तट के बाद मानसून के देश के उत्तरी इलाकों की ओर बढ़ने की सामान्य प्रक्रिया को प्रभावित किया है। जिसके चलते आशंका जताई जा रही है कि इस बार देश के अन्य राज्यों में भी मानसून की एंट्री तय समय से देरी से हो सकती है। हालांकि अनुकूल परिस्थितियां बनने पर मानसून की सक्रियता कुछ राज्यों में समय पर होने की भी संभावना है।
राजधानी जयपुर समेत कई जिलों में दिन के तापमान में बढ़ोतरी और हवा की थमी रफ्तार से उमसभरी गर्मी का जोर बना हुआ है। अंधड़ और बारिश का दौर प्रदेश के अधिकांश इलाकों में अब थम गया है और गर्मी भी अब तीखे तेवर दिखा रही है। मौसम केंद्र जयपुर ने भी आगामी दिनों में प्रदेश में मौसम शुष्क रहने और दिन व रात के तापमान में बढ़ोतरी होने की संभावना जताई है। वहीं सप्ताहभर जयपुर समेत कई जिलों में सतही गर्म हवाएं चलने की संभावना है।