खाद्य सुरक्षा एवं औषधि नियंत्रण विभाग के अतिरिक्त आयुक्त पंकज ओझा ने बताया कि मोतीडूंगरी गणेश मंदिर को सभी मापदंड पूरे करने पर प्रदत्त प्रमाण पत्र दिया गया है।
बता दें कि मोती डूंगरी गणेश मंदिर में मिलने वाले लड्डू को ब्लेसफुल हाइजेनिक ऑफरिंग टु गॉड (भोग) योजना के तहत एफएसएसएआई से भोग टैग प्राप्त है। यह टैग मंदिरों में तैयार प्रसाद के शुद्धता के लिए दिया जाता है। यह राज्य में पहला मंदिर है, जिसे यह टैग मिला है। मोती डूंगरी मंदिर में प्रसाद के लड्डू में किसी भी तरह के रंग का इस्तेमाल नहीं होता है। जबकि अब तक कई जगह रंग का उपयोग पाया गया है।
यह सर्टिफिकेट हर 6 माह में ऑडिट के बाद रिन्यू किया जाता है। सर्टिफिकेट के लिए भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण की टीम मंदिर रसोई की कमियों, जरूरतों, कार्य और मापदंड के पालन का पता लगाकर रिपोर्ट तैयार करती है।
ओझा ने बताया कि 23 से 26 सितंबर के अभियान में जिन धार्मिक संस्थाओं द्वारा भोग प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया है। उनको ही भोग प्रमाणपत्र देने हेतु आवश्यक औपचारिकताओ की जांच की जानी है।
साथ मे यदि कोई भी धार्मिक संस्था, ट्रस्ट स्वयं की गुणवत्ता की जांच करवाना चाहेगी तो इस दौरान उनके आग्रह पर जांच कर ली जाएगी। भोग प्रमाणपत्र एफएसएसआई द्वारा उच्च गुणवत्ता मापदंडों के आधार पर दिया जाता है।