scriptMakar Sankranti 2023: पर्व का पुण्यकाल 15 जनवरी को, बनेगा त्रिग्रही योग | Makar Sankranti 2023: festival of kite flying and charity will be celebrated on January 14 and 15 | Patrika News
जयपुर

Makar Sankranti 2023: पर्व का पुण्यकाल 15 जनवरी को, बनेगा त्रिग्रही योग

Makar Sankranti 2023: पतंगबाजी और दान पुण्य का पर्व मकर संक्रांति इस बार 14 और 15 जनवरी, 23 को मनाया जाएगा। पर्व का पुण्यकाल 15 जनवरी को रहेगा। पतंगबाजी रवियोग, द्विपुष्कर योग सहित अन्य योग संयोगों में 14 जनवरी को ही होगी। अगले दिन रविवार होने के कारण दोनों दिन शहरवासी पतंगबाजी का लुत्फ उठाएंगे।

जयपुरDec 22, 2022 / 12:04 pm

Santosh Trivedi

Makar Sankranti

जयपुर@पत्रिका। Makar Sankranti 2023: पतंगबाजी और दान पुण्य का पर्व मकर संक्रांति इस बार 14 और 15 जनवरी, 23 को मनाया जाएगा। पर्व का पुण्यकाल 15 जनवरी को रहेगा। पतंगबाजी रवियोग, द्विपुष्कर योग सहित अन्य योग संयोगों में 14 जनवरी को ही होगी। अगले दिन रविवार होने के कारण दोनों दिन शहरवासी पतंगबाजी का लुत्फ उठाएंगे।

मकर संक्रांति पर्व में एक माह से भी कम का समय बचा है। ऐसे में पतंगों की बिक्री सहित फीणी की दुकानें परकोटे सहित अन्य बाजारों में सज गई हैं ज्योतिषाचार्य पं.दामोदर प्रसाद शर्मा के मुताबिक सूर्योदय के साथ पूर्वाह्नकाल में जो पुण्यकाल रहता है, वह विशेष फलदायी है। दो साल बाद पुण्यकाल माघ मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी पर 15 जनवरी को रहेगा। ऐसे में पर्व का उल्लास दो दिन रहेगा।

सूर्य इस बार 14 जनवरी को रात 8.45 बजे मकर राशि में प्रवेश करेंगे। अत: पुण्यकाल अगले दिन दोपहर 12.45 बजे तक रहेगा। शास्त्रानुसार सूर्य के उदयकालीन पुण्यकाल को सर्वश्रेष्ठ माना गया है। मकर संक्रांति लगने से 6.24 घंटे पहले पुण्यकाल शुरू होता है।

शास्त्रानुसार संक्रांति प्रवेश के बाद 16 घंटे तक पुण्यकाल रहेगा। शर्मा के मुताबिक मकर संक्रांति बाघ पर सवार होकर माली के घर प्रवेश करेगी। इसका वाहन बाघ व उप-वाहन घोड़ा रहेगा। इससे सीमाओं पर चल रही आपराधिक गतिविधियों पर रोक लगेगी। सूर्य के मकर राशि में आने के साथ ही पहले से विराजमान शुक्र व शनि ग्रह के चलते त्रिग्रही योग का निर्माण होगा।

गो सेवा, धार्मिक पुस्तकों का करें दान
ज्योतिषाचार्य पं. घनश्याम शर्मा ने बताया कि तिल, गुड, कंबल, काले वस्त्र, ऊनी वस्त्र के साथ—साथ धार्मिक पुस्तकों के दान के साथ ही गो-सेवा का विशेष फल मिलता है।

यह भी पढ़ें

वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा: पेपर खुला मिला तो छात्रा ने दर्ज करवाई आपत्ति, शिकायत करने के दौरान वीडियोग्राफी भी की बंद

ज्योतिषाचार्य पं. पुरुषोत्तम गौड़ के मुताबिक मकर संक्रांति का जितना धार्मिक महत्व है। उससे अधिक वैज्ञानिक महत्व भी है। इसी दिन भगवान सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण होते हैं। साथ ही रातें छोटी और दिन बड़े होने लगते हैं व सर्दी का असर भी कम होता है।

Hindi News / Jaipur / Makar Sankranti 2023: पर्व का पुण्यकाल 15 जनवरी को, बनेगा त्रिग्रही योग

ट्रेंडिंग वीडियो