जयपुर ।
Hariyali Amavasya : श्रावण कृष्ण अमावस्या पर गुरुवार को हरियाली अवामस्या मनाई जाएगी। इस दिन करीब 125 साल बाद पंच महायोग का संयोग बनेगा। इन पंच महायोग में पहला हरियाली अमावस्या, दूसरा सर्वार्थ सिद्धि योग, तीसरा सिद्धि योग, चौथा अमृत सिद्धि योग व पांचवां गुरु पुष्यामृत योग रहेगा। वहीं इस दिन नाहरसिंह भौमियाजी महाराज के मेला (Fair) का आयोजन होगा।
ज्योतिषाचार्य चन्द्रशेखर शर्मा ने बताया कि पंचागीय गणना के अनुसार हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya ) को पुष्य नक्षत्र (pushya nakshatra), सिद्धि योग (siddhi yoga) , नागकरण व कर्क राशि के चंद्रमा के संयोग में मनाई जाएगी। गुरुवार के दिन पुष्य नक्षत्र का होना अमृतसिद्धि व सर्वार्थसिद्धि योग का निर्माण करता है। पुष्य नक्षत्र के स्वामी शनि तथा उप स्वामी बृहस्पति हैं। सिद्धि योग के स्वामी भगवान श्रीगणेश हैं। इस प्रकार के संयोग में अमावस्या पर तंत्र व मंत्र की सिद्धि विशेष फल प्रदान करती है। गुरु पुष्यामृत शुभ योग करीब 6 घंटे का तक रहेगा।
Tree plantation : पौधरोपण शुभदायक
ज्योतिषाचार्य नरोत्तम पुजारी ने बताया कि हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya) वास्तव में प्रकृति की उपासना का पर्व है। इस दिन वृक्षों का पूजन तथा पौधारोपण (Tree Plantation) की मान्यता है। इस दिन घरों में भी हरियाली का पूजन किया जाता है। वनस्पति तंत्र के अनुसार अमृतसिद्धि योग में पौध रोपण करने से विशिष्ट फल की प्राप्ति होती है। संयोग से इस बार हरियाली अमावस्या पर अमृतसिद्धि योग का संयोग है। ऐसे में इस दिन पितरों की निमित्त पौधारोपण करना शुभफलदायी है।
बुध हो रहे मार्गी
भागवताचार्य देवी वैभवी ने बताया कि जलवायु व मौसम (Weather) के कारक ग्रह बुध अमावस्या पर सुबह 9.20 बजे मार्गीय हो रहे हैं। बुध के मार्गीय होते ही वर्षा ऋतु के चक्र में अचानक परिवर्तन आएगा। इसका प्रभाव भी दिखाई देगा। वहीं गुरु का वृश्चिक राशि में वक्रगत दृष्टि से कर्क राशि स्थित सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध व शुक्र से नवम-पंचम दृष्टि संबंध बनेगा। इसका प्रभाव जलीय ऋतु चक्र के सकारात्मक पक्ष को प्रबल करेगा।
janmotsav : नाहरसिंह बाबा मंदिर में मनेगा जन्मोत्सव
हरियाली अवावस्या पर गुरुवार को घाट की गूणी स्थित नाहरसिंह बाबा मंदिर में जन्मोत्सव मनाया जाएगा। इस मौके पर मंदिर में मेले का आयोजन होगा। नाहरसिंह बाबा के जन्माभिषेक के बाद जन्म आरती होगी, वहीं शाम को छप्पन भोग की झांकी सजाई जाएगी। महोत्सव को लेकर तैयारियां शुरू हो गई है। महंत गोपाल लाल सैनी ने बताया कि बाबा के जन्मोत्सव पर सुबह 7.15 बजे दूध से अभिषेक किया जाएगा, इसके बाद पंचामृत अभिषेक किया जाएगा। बाबा के चोला चढ़ाकर लहरिये की पोशाक धारण करवाई जाएगी।
सुबह 10 बजे जन्म आरती होगी। इसके बाद शाम 3 बजे फिर से अभिषेक कर नवीन पोशाक धारण करवाई जाएगी। बाबा के आकर्षक शृंगार किया जाएगा। छप्पन भोग झांकी सजाई जाएगी। शाम 7.15 बजे संध्या आरती होगी। इस दिन कई जगह से श्रद्धालु पैदल ही दरबार में आएंगे।
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