जुलाई में रिलीज होगी 100+ छात्राओं से हैवानियत पर बनी फिल्म ‘अजमेर 92’, 28 परिवार रातोंरात हो गए थे लापता
लीगल नोटिस फाउंडेशन के समीर बोघानी की ओर से मंगलवार को भेजा गया। इसमें कहा है कि ‘अजमेर 92’ फिल्म को लेकर जारी पोस्टर में आपत्तिजनक, गलत व भ्रामक जानकारी दी गई है। पोस्टर में 1992 में 250 कॉलेज छात्राओं के इस घटना का शिकार होने और 28 परिवारों के रातों-रात गायब होने की बात कही गई है। नोटिस में कहा है कि इस घटना में अभियुक्त और पीड़ित दोनों ही विभिन्न समुदायों से हैं और 28 परिवारों के रातों-रात गायब होने का भी रिकॉर्ड नहीं है। नोटिस में मांग की गई है कि फिल्म निर्माता सही तथ्य पेश करें, मनगढ़त स्क्रिप्ट पेश नहीं करें।
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इसमें अजमेर शरीफ दरगाह से संबंधित दृश्यों और सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती से संबंधित आपत्तिजनक सामग्री को हटाने की मांग भी की गई है। साथ ही आरोप लगाया है कि पोस्टर के माध्यम से सनसनी पैदा कर फिल्म की ओर ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया गया है।