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जयपुर

सरकारी स्कूलों में सूर्य नमस्कार के आयोजन पर छिड़ा विवाद, मदन दिलावर और पूर्व शिक्षा मंत्री हुए आमने- सामने

Surya Namaskar Controversy : प्रदेश के 76 हजार से अधिक सरकारी स्कूलों में 15 फरवरी को सूर्य सप्तमी के अवसर पर एक समय पर सूर्य नमस्कार आयोजन का रेकॉर्ड बनाया जाएगा। सरकार के इस निर्णय का विरोध शुरू हो गया है। एक दिन पहले जमियत उलेमा-हिन्द संगठन ने सरकार के इस फैसले का बहिष्कार कर दिया।

जयपुरFeb 14, 2024 / 07:23 am

Kirti Verma

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Surya Namaskar Controversy : प्रदेश के 76 हजार से अधिक सरकारी स्कूलों में 15 फरवरी को सूर्य सप्तमी के अवसर पर एक समय पर सूर्य नमस्कार आयोजन का रेकॉर्ड बनाया जाएगा। सरकार के इस निर्णय का विरोध शुरू हो गया है। एक दिन पहले जमियत उलेमा-हिन्द संगठन ने सरकार के इस फैसले का बहिष्कार कर दिया। संगठन के विरोध के बाद मंगलवार को शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि यह सरकार का आदेश हैं। इसलिए इसकी पालना करनी होगी। वहीं, पूर्व शिक्षा मंत्री बी.डी. कल्ला ने भी इस निर्णय को गलत बताते हुए कहा है कि भाजपा सरकार ऐसे आयोजनों से राजनीतिक लाभ लेना चाहती है, जो सही नहीं है। गौरतलब है कि 15 फरवरी को सभी स्कूलों में प्रार्थना सभा के बाद सुबह 10.30 बजे से 10.45 बजे के बीच यह आयोजन होगा। इस दौरान पांच बार सूर्य नमस्कार का अभ्यास होगा।

शिक्षा विभाग ने यह निकाले आदेश
राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद के आयुक्त अविचल चतुर्वेदी ने सूर्य नमस्कार कार्यक्रम के लिए आदेश जारी कर कहा कि सूर्य पृथ्वी पर सभी चीजों के लिए ऊर्जा का प्रमुख स्रोत है और इससे सकारात्मक ऊर्जा का संचालन होता है। ऐसे में इस आयोजन में अधिक से अधिक लोगों की भागीदारी के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारी स्थानीय स्तर पर जनप्रतिनिधियों और नागरिकों के साथ ही जिला प्रशासन, जिला परिषद और अन्य संबंधित विभागों से सम्पर्क कर इस गतिविधि के बारे में जानकारी साझा करेंगे।

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विद्यार्थियों को स्कूल न भेजें : संगठन
जमियत उलेमा-हिन्द संगठन की राज्य कार्यकारिणी की जयपुर के मोतीडूंगरी रोड स्थित मुस्लिम मुसाफिर खाना में आयोजित बैठक में सरकार के निर्णय का विरोध किया गया। बैठक में प्रस्ताव पारित कर सामूहिक सूर्य नमस्कार के सरकारी आदेश की निंदा की गई। पदाधिकारियों ने मुस्लिम समुदाय से अपील की है कि वे सूर्य सप्तमी को विद्यार्थियों को स्कूल में न भेजें और इस समारोह का बहिष्कार करें।


शिक्षा मंत्री बोले: पालना नहीं करने वाले स्वतंत्र हैं, सरकार अपने हिसाब से काम करेगी
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर नेे कहा है कि जो सरकार ने तय किया है उसकी तो पालना करनी होगी। कोई कहता है कि हम सरकार के आदेश को नहीं मानते, तो वे स्वतंत्र हैं। फिर सरकार अपने हिसाब से काम करेगी। ऐसे आयोजनों में कुछ बच्चे अनुपिस्थत रहते हैं, अगर कोई शामिल नहीं होना चाहता तो नहीं आए। शिक्षा मंत्री ने कहा है कि पूजा पद्दतियां धर्म नहीं है, ऐसे आयोजनों से कोई धार्मिक भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचती। सरकार ने जो नियम बनाएं हैं और आदेश दिए हैं, उसकी पालना जरूरी है। कोई पढ़ना चाहे तो नहीं पढ़़े।

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पूर्व शिक्षा मंत्री बोले: कांग्रेस सरकार में तो कोई विरोध नहीं हुआ
पूर्व शिक्षा मंत्री बी.डी. कल्ला ने कहा कि कांग्रेस सरकार के समय में स्कूलों में योग की कक्षाएं संंचालित की जाती थी। हमने विकल्प दे रखा था कि कोई योग करना चाहे तो करें, खेलना चाहे तो खेले। हमने विकल्प दिया था। इसीलिए कांग्रेस सरकार में किसी ने विरोध नहीं किया। ऐसे आयोजनों से राजनैतिक लाभ नहीं लेना चाहिए। कल्ला ने कहा कि ऐसी गतिविधियों को अनिवार्य किए जाने पर इस तरह के विरोध सामने आते हैं।

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