अधिकारियों की मानें तो सुरंग की खुदाई के बाद अब दूसरा बोरवेल मिल गया है, जिसमें चेतना फंसी हुई है। ऐसे में माना जा रहा है कि आज चेतना को बाहर निकाल लिया जाएगा। अभी जवान रेस्क्यू में जुटे हुए है। हालांकि, उसकी कंडीशन को लेकर कोई भी बताने में असमर्थ है।
बता दें कि इससे पहले दो दिन तक की सुरंग की खुदाई के बाद बालिका जिस बोरवेल में गिरी थी वो बोरवेल ही चिन्हित नहीं हो पाया था। टनल की खुदाई दिशाहीन होने से टीम बालिका तक नहीं पहुंच पाई थी। लेकिन, अब जल्द ही बालिका को बाहर निकाल लिया जाएगा।
कैसे गलत हो गई टनल की दिशा?
टनल की खुदाई की दिशा तय करने लिए भीलवाड़ा, अजमेर व खेतडी कॉपर के विशेषज्ञों से राय ली गई थी। उसके अनुसार खुदाई कराई गई थी। लेकिन उनकी राय कोई काम नहीं आई। ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि जिस टनल को जवान 4 दिन से खोदने में लगे थे, उसकी दिशा कैसे गलत हो गई? इधर, बालिका के परिजनों का सब्र टूट रहा है। लोगों का अब प्रशासन से एक ही सवाल है कि आखिर बालिका चेतना बोरवेल से बाहर कब आएगी?
सुरंग के चारों ओर खुदाई शुरू
बालिका का पता लगाने के लिए सुरंग के चारों ओर खुदाई शुरू की गई। जीपीआर की मदद से बालिका का पता लगाने के लिए विशेषज्ञ टनल में नीचे उतारे गए हैं। अब टनल की सीधी खुदाई के अलावा इसका दायरा दायीं व बांयी तरफ भी बढ़ाया गया है।
तैयारियां धरी रह गई
अस्पताल में पुलिस जाप्ता तैनात किया गया है। मौके पर भी एंबुलेंस की व्यवस्था की गई थी। लेकिन बोरवेल व बालिका का पता नहीं लगने से तैयारियां धरी रह गई।
गौरतलब है कि बालिका 23 दिसबर को 150 फीट नीचे बोरवेल में गिर गई थी। बालिका को बोरवेल से बाहर निकालने के लिए इसके समानन्तर 170 फुट तक 36 इंच (एक हजार मिली मीटर) व्यास के दूसरे बोरवेल की खुदाई की गई है।
टनल का व्यास बढ़ाने पर कार्य
बोरवेल में 8 फुट की सुरंग बनाने के बाद भी बालिका व पुराने बोरवेल का पता नहीं लगने पर अब टनल का डाया चौड़ा कर बालिका का पता लगाने के प्रयास किए जा रहे हैं। जिला कलक्टर कल्पना अग्रवाल ने अभियान के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि हम सब की आशा अभी कायम है कि हम ऑपरेशन को पूरा कर बच्ची का रेस्क्यू करेंगे। पुराने बोरवेल के नीचे जाकर झुकने से सुरंग की खुदाई दिशा से भटक गई। खुदाई की दिशा के लिए विशेषज्ञों को बुलाकर जांच कराई थी। उनके मार्गदर्शन में खुदाई का कार्य हुआ था। जिला कलक्टर ने कहा कि टनल के डाया को बढाकर सीधे के बजाय इसे दायें व बांयें की तरफ बढाया जाएगा।
चेतना का लगातार इंतजार
परिजन चेतना का लगातार इंतजार कर रहे हैं। लेकिन 8 दिन बाद भी कोई परिणाम सामने नहीं आने पर उनका सब्र टूट रहा है। प्रशासन के अधिकारी व जन प्रतिनिधि परिजनों को लगातार सांत्वना दे रहे हैं।
पत्थर हार्ड होने व लगातार ड्रिल मशीन से खुदाई करने, रैट माइनर को थकान होने व नीचे ऑक्सीजन का लेवल कम होने से इनको दो से तीन घण्टे में बदला जा रहा है।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक वैभव शर्मा, एसडीएम ब्रजेश चौधरी, उप अधीक्षक राजेन्द्र बुरडक, आयुक्त धर्मपाल चौधरी व एनडीआरएफ के सहायक कमाण्डेट योगेश कुमार मीणा अभियान के दौरान लगातार मौके पर रह कर पल पल का अपडेट ले रहे हैं।