पूनिया के वक्त भी चौंकाया था
गौरतलब है कि सितंबर 2019 में सतीश पूनिया को जब भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था। तब भी इसी तरह चौंकाने वाला निर्णय था, क्योंकि उन दिनों सतीश पूनिया का नाम भी चर्चाओं में नहीं था। सतीश पूनिया का 3 साल का कार्यकाल सितंबर 2022 में पूरा हो गया था। हालांकि पार्टी के कई नेताओं का कहना था कि विधानसभा चुनाव तक प्रदेश नेतृत्व में बदलाव नहीं होगा, लेकिन अब केंद्रीय नेतृत्व ने नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति कर दी है।
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राजस्थान में भाजपा को नेता प्रतिपक्ष का कौन होगा, इसका भी फैसला करना है। लेकिन सीपी जोशी के अध्यक्ष बनने से अब नई भाजपा कीे प्रदेश कार्यकारिणी का गठन करना भी एक चनौती होगा । राजस्थान में इस साल विधानसभा चुनाव होने है, इसलिए यह बदलाव महत्वपूर्ण माना जा रहा है। वहीं सीपी जोशी ने बीते दिनों जयपुर में ब्राह्मण महापंचायत में भी शिरकत की थी । माना जा रहा है कि राजस्थान में भाजपा ने ब्राह्मण वोटरों को साधने लिए भाजपा ने यह फैसला लिया है ।
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दूसरी बार सांसद बने
वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में वे पहली बार सांसद बने थे और 2019 के लोकसभा चुनाव में दूसरी बार सांसद बने। इससे पहले वे पंचायत समिति सदस्य रह चुके हैं। भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके सीपी जोशी वर्तमान में पार्टी के उपाध्यक्ष भी है।