ज्योंही कार्रवाई शुरू हुई और मकान गिरने लगे, चहुंओर धूल के गुबार उठने लगे। आसपास घरों में भी गुबार छाया रहा, लोगों को मास्क लगाने पड़े। वहीं, कार्रवाई देखने के लिए छतों पर भीड़ रही। दूसरी ओर बस्ती के धार्मिक स्थलों, स्कूल को लेकर प्रशासन ने अभी कोई निर्णय नहीं किया है।
जेडीए, नगर निगम और जिला प्रशासन की संयुक्त कार्रवाई दोपहर 12 बजे शुरू हुई। कार्रवाई लगभग 5 घंटे तक चली। इस दौरान करीब 30 फीसदी मकान ध्वस्त किए गए। प्रशासन ने तीन दिन में पूरी बस्ती साफ करने का दावा किया है।
कार्रवाई में जेडीए, नगर निगम और जिला प्रशासन की पूरी टीम लगी रही। इस दौरान करीब 150 से अधिक पुलिस जवान तैनात रहे। पहले दिन 6 जेसीबी लगाई गई।
आशियानों के साथ गिरने लगे आंसू जेडीए ने जैसे ही खड्डा बस्ती में कार्रवाई शुरू की तो लोगों की आंखें भर आई। कार्रवाई के दौरान महिलाएं रोने लगी गई। महिलाआों का कहना था कि सालों से पैसा जोड़कर मकान खड़ा किया था , आज वहीं आंखों के सामने टूट रहा है। ऐसा कभी सोचा नहीं था। उल्लेखनीय है कि बस्ती में 590 घर थे। जिन्हें प्रशासन ने जयसिंहपुरा खोर और पालड़ी मीणा में पुर्नवास किया गया है।