बीएम भारद्वाज की कहानी से बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने निजी तौर पर अपना घर आश्रम को 11 लाख रुपए और वहां के लोगों के लिए 1100 कुर्ते भिजवाए हैं। पत्रिका प्लस से बात करते हुए डॉ. बीएम भारद्वाज ने बताया कि अमिताभ बच्चन से मिलकर बहुत अच्छा लगा, वे जितने अच्छे एक्टर हैं, उससे भी अच्छे एक इंसान हैं। शूटिंग के बाद उन्होंने हमारे वर्किंग प्रोसेस को समझा बल्कि इससे पर्सनली जुडऩे की भी बात कही।
1993 में की थी शुरुआत उन्होंने बताया कि मेरा जन्म यूपी में हुआ था और मैंने अपने पड़ोस में एक ऐसे व्यक्ति को तड़पते हुए देखा था, जिसे संभालने वाला कोई नहीं था। उस समय मेरी उम्र छह साल की थी, तब से मैं इस तरह के लोगों को देखकर उनके लिए कुछ करने के लिए सोचता था। जब भरतपुर में पढऩे आया और पढ़ाई के बाद कुछ करने की सोची तो सबसे पहले असहाय लोगों के लिए काम करने का विचार आया। 1993 में मैंने अपना घर आश्रम की शुरुआत की, तब मुझे वाइफ के रूप में माधुरी मिली, वे भी ऐसे ही लोगों के लिए काम करने की इच्छुक थी। तब हमने निर्णय लिया कि हम अपना बच्चा पैदा नहीं करेंगे, सिर्फ लोगों की सेवा करेंगे। सबसे पहले 2000 में भरतपुर में आश्रम बनाया और अब तक इंडिया में 31 और एक नेपाल में आश्रम बना चुके हैं। जयपुर में भी हमारा आश्रम चलता है।
कोई भी परिजनों को ना छोड़े निराश्रित डॉ. बीएम भारद्वाज ने कहा कि देश में कोई भी व्यक्ति अपने परिजनों को निराश्रित स्थिति में नहीं छोड़े। मेरा एक सपना है कि देश के हर एक शहर में अपना घर आश्रम की एक शाखा खुले, ताकि सड़कों पर निराश्रित घूमने वाले प्रत्येक व्यक्ति को आश्रम में स्थान मिल सके और कोई भी लावारिस व असहाय स्थिति में जीवनयापन नहीं करें। उन्होंने कहा कि हम केबीसी के मंच पर आर्थिक मदद के लिए नहीं गए थे, हम हमारी बात को कहने और लोगों तक संदेश पंहुचाने के लिए गए थे। अमिताभजी ने आगे भी हमसे जुडऩे का वादा किया है और वे इंडस्ट्री के अन्य लोगों को भी इससे जोडऩे के लिए प्रेरित करेंगे।